तिरंगा फहराने का नियम हुआ जारी, न करें यह गलती नही तो होगी बड़ी सजा


Tiranga Fahrane Ka Niyam : प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को देशभर में स्वतंत्रता दिवस का महापर्व के रूप में मनाया जाता हैं। इस वर्ष इस महापर्व के दौरान आपको ‘Har Ghar Tiranga’ अभियान दिखाई दे रहा होगा। बता दें कि इस बार हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया गया है।

भारतीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चौक चौराहों से लेकर गाँव और शहर की गलियों तक भारत के तिरंगे की शान देखी जा सकती है, सरकारी कार्यालय से लेकर घर की छतों पर तिरंगा लगाया जाएगा। जिस कारण से मार्केट में तिरंगे की बिक्री भी काफी बढ़ गई थी। लेकिन क्या आपको पता हैं की तिरंगा फहराने के कुछ नियम कानून भी हैं।

इस वर्ष 2024 में भारत अपनी स्वतंत्रता का 78वीं वर्षगांठ मना रहा है। 1947 में 15 अगस्त को अंग्रेजी हुकूमत से हमें आजादी मिली थी, स्वतंत्रता दिवस के दिन देश के प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराया जाता हैं।

बता दें कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विश्व के सभी नागरिक को तिरंगा फहराने का अधिकार प्राप्त है, लेकिन तिरंगा फहराने के लिए कुछ नियम कानून तय किया गया हैं।

बताते चले कि यह नियम भारतीय झंडा संहिता में लिखी गई हैं। भारतीय ध्वज संहिता वर्ष 2002 में लागू की गई थी, इसमें कुछ नियम तय किया गया था जो की झंडा फहराने और उसे उतारने के लिए बनाया गया था।

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Tiranga Fahrane Ka Niyam

बता दें कि भारतीय ध्वज संहिता के लागू होने से पहले तिरंगा सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही फहराया जाता था। लेकिन भारतीय ध्वज संहिता लागू होने के बाद झंडा पूरे सम्मान के साथ अब कभी भी फहराया जा सकता है।

पहले तिरंगे को सूर्यास्त के बाद नहीं फहराया जा सकता था लेकिन 20 जुलाई 2022 को भारतीय ध्वज संहिता 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत संशोधन किया गया, जिसके बाद अब तिरंगा को किसी भी समय फहराया जा सकता है।

भारत में राष्ट्रीय ध्वज का आकार 3:2 अनुपात में होने चाहिए इसके अलावें यह किसी भी अवस्था में गंदा, कुचला या फटा नहीं होने चाहिए। झंडा टोलन हमेशा किसी ऊंचे स्थान पर करना चाहिए। विश्व का कोई भी व्यक्ति, शैक्षणिक संस्थान या कार्यालय पूरे सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज को फहरा सकते हैं। अब राष्ट्रीय ध्वज को कभी भी दिन और रात के समय भी फहराया जा सकता है।

भारत का तिरंगा झंडा फहराने के नियम

भारत का तिरंगा झंडा फहराने के कुछ नियम है, जो कि नीचे समझाया गया हैं।

  • तिरंगा फहराते समय ध्यान रखना है कि यह आयताकार होना चाहिए और इसकी लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 होने चाहिए। इसका मतलब है कि लंबाई चौड़ाई से डेढ़ गुना हो।
  • तिरंगा कभी भी जमीन को नहीं छूने चाहिए।
  • झंडा फहराते समय केसरिया रंग हमेशा ऊपर की तरफ रहने चाहिए।
  • पहले झंडा सिर्फ सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जाता था, लेकिन अब आप इसे रात में भी फहरा सकते हैं।
  • अगर आप तिरंगे के साथ कोई और झंडा फहरा रहे हैं, तो ध्यान रखें कि दूसरा झंडा राष्ट्रीय ध्वज से बड़ा या उसके बराबर नहीं होना चाहिए।
  • झंडे को पानी में नहीं डुबाना चाहिए और उस पर कुछ भी लिखना भी गलत है।
  • बिना सरकारी आदेश के झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि तिरंगा जमीन को ना छुए।
  • ध्वजारोहण के लिए इस्तेमाल तिरंगा खादी, सूती या सिल्क का हो तो अच्छा है, हालांकि 2022 के कानून में बदलाव के बाद अन्य मटेरियल से बना झंडा भी अब फहराया जा सकता हैं।

Bhartiya Jhanda Fahrane Ka Niyam

भारतीय कानून के मुताबिक तिरंगे झंडे का अपमान करना एक गंभीर अपराध के रूप में माना जाता है, अगर कोई भी व्यक्ति तिरंगे का अपमान करते हुए अगर पाया जाता है, तो उसे 3 साल तक की कैद या फिर जुर्माना या फिर दोनों सजा दिया जा सकता हैं।

इसके लिए राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 में प्रावधान है की इस कानून के मुताबिक किसी भी सार्वजनिक स्थान पर तिरंगे और संविधान को जलाना, कुचलना, फाड़ना या किसी तरह का नुकसान पहुंचाना अपराध के श्रेणी में माना जायेगा, इसलिए तिरंगा झंडा फहराने से पहले सभी नियमों को ध्यान में जरूर रखें।



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