पापा कहते थे बेटा IAS बनेगा, मगर बेटे ने लिया रिस्क, अब हर दिन कलेक्टर की सैलरी से ज्यादा कमाई, देशभर में नाम : Success Story


Success Story : सिविल की तैयारी और Collector की नौकरी का सपना संजोकर परिवार वालों ने अभिनव दूबे को पढ़ाई करने भेजा था। तैयारी के दौरान अभिनव ने CA की परीक्षा दी और वो फेल हो गए। इसी असफलता ने एक सफल Business की नींव रख दी।

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अभिनव ने एक आउटलेट खोला जिसका नाम उन्होंने चाय सुट्टा बार (Chai Sutta Bar) रखा और आज पूरे देश में इसके 500 से ज्‍यादा स्‍टोर खुल चुके हैं. Chai Sutta Bar का सालाना टर्नओवर 150 करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा हो चुका है, जबकि इसका Startup सिर्फ 3 लाख रुपये से शुरू किया गया था।

अनुभव दुबे ने अपने दोस्त आनंद नायक के साथ मिलकर इस कामयाब Startup को शुरू किया था। आज चाय-सुट्टा बार देश के कई शहरों में युवाओं का पसंदीदा अड्डा बन गया है। पर, अनुभव नायक ने बड़े जोखिम के इस Business को साथ शुरू किया था। आज के अपने इस लेख के माध्यम से हम आप सभी को चाय-सुट्टा बार के फाउंडर अनुभव दुबे की कामयाबी की कहानी बताएंगे

चाय-सुट्टा बार के फाउंडर अनुभव दुबे के पिता 3 लाख रुपये का जुगाड़ करके Business करते हैं लेकिन वह अपने बेटे को IAS बनाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अनुभव दुबे को इंदौर से दिल्ली UPSC की कोचिंग करने के लिए भेजा

Chartered Accountant की परीक्षा में असफल होने के बाद अनुभव दुबे अधूरे मन से Civil Service Exam की तैयारी करने लगे। लेकिन, उनका मन इसमे नहीं लगा और Business करने का मन बना लिया।

अनुभव दुबे ने अपने बचपन के दोस्त आनंद नायक के साथ 2016 में बिजनेस करने का फैसला किया। और दोनों एक ही शहर इंदौर के रहने वाले थे। पर Business शुरू करने के लिए दोनों के पास पर्याप्त पैसा नहीं था फिर भी जैसे-तैसे दोनों ने मिलकर 3 लाख रुपये का जुगाड़ करके चाय-सुट्टा बार की शुरुआत की

इस दुकान को खोलने की जगह भी अनुभव और आनंद ने सोच-समझकर चुनी। दोनों ने इंदौर में Girls Hostel के सामने अपना पहला चाय-सुट्टा बार का पहला आउटलेट खोला. क्योंकि, लड़कों का आना-जाना Girls Hostel के सामने लगा रहता था और यहीं युवा उनके ग्राहक बनें।

खुद अपने Business की ब्रांडिंग

चाय-सुट्टा बार खोलने के बाद अनुभव और आनंद के सामने बड़ी चुनौती ग्राहकों की भीड़ को दुकान तक लाना था इसके लिए वे खुद अपने Business की ब्रांडिंग करने लगे। अनुभव और आनंद अपने दोस्तों के बीच पहुंचकर जोर-जोर से बात करके पूछते थे कि कभी चाय-सुट्टा बार गए हो? इसके बाद धीरे-धीरे लोग चाय-सुट्टा बार पहुंचने लगे।

6 महीने के अंदर अनुभव दुबे और आनंद नायक ने अपने ब्रांड को स्थापित कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने 2 राज्यों में चाय-सुट्टा बार की 4 Franchise बेच दी। फिलहाल, इसके 150 से भी ज्यादा आउटलेट हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी हर साल 100-150 करोड़ रुपये की सेल करती है।

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