Bihar Jamin Registry New Rules 2024: बिहार में जमीन संबंधित धोखाधड़ी को रोकने के लिए जब से जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव किए गए हैं तब से ही बिहार के जमीन रैयतों को काफी परेशानियों हो रहा है। कुछ वक्त पहले यह निर्देश जारी किया गया कि जिस व्यक्ति के नाम पर जमीन का जमाबंदी है वही व्यक्ति अपनी जमीन को बेंच सकेगा।
ऐसे में बिहार के जमीन रैयत अपने पुरखों के नाम से कायम जमाबंदी को अपने नाम ट्रांसफर करवाने हेतु लगातार प्रयासरत है। लेकिन लोगों को इस प्रक्रिया में बहोत मुश्किलें भी आ रही है। कई बार तो लोगों को अलग-अलग कागजात के लिए कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे है।
Bihar Jamin Registry New Rules 2024: पुराने नियमों से जमीन रजिस्ट्री शुरू
हम आपकी जानकारी के लिए बता देना चाहते हैं कि, बिहार में जमीन रजिस्ट्री से सम्बंधित नए नियम लागू होने के बाद एक बार फिर से लोगों को राहत देने के लिए पुराने नियमों से ही अभी जमीन रजिस्ट्री की जा रही है। लेकिन आपका यह जानना जरूरी है कि, इसकी अंतिम तारीख 16 सितंबर तक ही है।
और उसके बाद एक बार फिर से बिहार में Land Registry New Rules लागू कर दिया जाएगा। ऐसे में अगर आप भी बिहार के रहने वाले रैयत है और आप अपने जमीन को अपने पुरखों के नाम से हटाकर अपने नाम पर ट्रांसफर करवाना चाहते हैं तो आपको कुछ कागजात की जरूरत होगी जो हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे.
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Bihar Jamin Registry New Rules 2024: इन कागजात की होगी आवश्यकता
हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, बिहार के जमुई जिले में पदस्थापित अंचलाधिकारी विश्वजीत कुमार ने बताया कि, अगर आप अपने पुरखों के नाम से कायम जमाबंदी अपने नाम करवाना चाहते है तो आपको कई तरह के कागजात की जरूरत होती है। उन्होंने आगे कहा कि, आपको आठ अलग-अलग प्रकार के दस्तावेज की मुख्य रूप से आवश्यकता पड़ेगी।
इसमें आपको जमीन के लगान रसीद की छायाप्रति से शपथ पत्र तक की आपको जरूरत होगी। अंचलाधिकारी ने कहा कि अगर आप अपने पुरखों के नाम पर किसी जमाबंदी को अपने नाम पर करवाना चाहते हैं,
तो आपको लगान रसीद की छाया प्रति की जरूरत होगी। हम आपकी जानकारी के लिए बता देना चाहते हैं कि, लगान रसीद रैयत के द्वारा जमा की गई मालगुजारी की रसीद होती है जो राजस्व कर्मचारी के द्वारा निर्गत होती है। इसके साथ ही आपको जमीन से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराने पड़ेंगे।
वंशावली की भी होगी जरुरत
हम आपको बता देना चाहते हैं कि, किसी जमीन का मालिकाना हक उस जमीन के दस्तावेज से तय होता है। अगर आपको भी अपने पुरखों की जमाबंदी को अपने नाम दर्ज कराना हैं, तो आपको उस जमीन के केवाला, खतियान सहित अलग-अलग तरह के दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
बिहार में कई जगहों पर हुकुमनामा, परवाना आदि भी जमीन के मालिकाना दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल होता हैं। इसके अलावा आपको वंशावली की भी जरूरत पड़ेगी।
जमाबंदी रैयत की मृत्यु प्रमाण पत्र
हम आपको बता दें कि, जमीन की जमाबंदी जिस व्यक्ति के नाम से है, वहां से आपकी पीढ़ी तक की वंशावली की आपको जरूरत होगी और जमाबंदी रैयत की मृत्यु प्रमाण पत्र और 100 रुपए के स्टांप पर बंटवारा शेड्यूल (Split schedule) भी बनवाना होगा. जमीन को कितने हिस्सेदारों के बीच बांटा गया है इस बंटवारा शेड्यूल पर उसकी जानकारी होनी चाहिए।
हमारे इस लेख में बताए गए इन सब कागजात को जमा कर लेने के बाद आपको आधार कार्ड, सभी हिस्सेदारों की सहमति और SDM Office द्वारा जारी शपथ पत्र भी जमा करना होगा।
अगर आप सभी भी अपने जमाबंदी शेड्यूल का बंटवारा करवाना चाहते हैं तो यह सभी जरूरी कागजात तैयार कर लें। ताकि आप आसानी से जमाबंदी शेड्यूल का बंटवारा करवा सकें।
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