लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) को अकेले ही लड़ने की घोषणा की है। बसपा अध्यक्ष मायावती का कहना है कि किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने से उन्हें चुनाव में नुकसान होगा। यही कारण है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला लिया है। मायावती ने कहा, “उत्तर प्रदेश में हमने अकेले दम पर चुनाव लड़ कर सरकार बनाई है। उसी अनुभव के आधार पर आम चुनाव में भी हम अकेले चुनाव लड़ेगे।
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हम किसी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। हमारी पार्टी गठबंधन न करके अकेले इसलिए चुनाव लड़ती है, क्योंकि पार्टी का नेतृत्व एक दलित के हाथ में है। गठबंधन करने के कारण बीएसपी का वोट विपक्षी दल को मिल जाता है, पर दूसरों का वोट हमें नहीं मिलता। 90 के दशक में सपा और कांग्रेस गठबंधन हुए था जिसमें दोनों को फ़ायदा मिला था।”
गठबंधन से हमें नुकसान ज़्यादा होता है…
मायावती ने ईवीएम में धांधली को लेकर कहा, “ईवीएम में काफ़ी धांधली हो रही है, इसलिए बीएसपी को नुकसान हो रहा है। अब ईवीएम में धांधली के विरोध में आवाज़ें उठने लगी हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही ईवीएम पर रोक लगेगी, गठबंधन को लेकर हमारा अनुभव रहा है कि गठबंधन से हमें नुकसान ज़्यादा और फायदा कम होता है। इसी वजह से देश में ज़्यादातर दल बीएसपी के साथ गठबंधन करना चाहती है। चुनाव के बाद गठबंधन विचार किया जा सकता है।”
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सरकारें रोज़ी रोटी की गारंटी देने की बजाय…
बसपा सु्प्रिमो ने कहा, “यूपी में हमने बीएसपी सरकार में सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की भावना से समाज के वंचित वर्ग के कल्याण के लिए कई जन कल्याणकारी योजनाएं शुरू हुआ है। पर अब सरकारें रोज़ी रोटी की गारंटी देने की बजाय सरकार थोड़ा-सा राशन देकर अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है। पिछले कुछ वर्षों से केंद्र और राज्य की सरकारों ने धर्म और संस्कृति के आड़ में राजनीति किया है और लोकतंत्र को कमज़ोर करने का काम किया है। कमज़ोर वर्ग अपनी भलाई के लिए बीएसपी को मज़बूत बनाये। कांग्रेस, बीजेपी और अन्य दल पूरी तरह जातिवादी और पूंजीवादी तरीक़े से काम करती हैं।”
सपा मुखिया ने सोची समझी रणनीति के तहत रंग बदला
हम आप सभी को बता दे कि, मायावती ने अखिलेश यादव पर हमला करते हुए कहा, “विपक्ष के इंडिया गठबंधन को लेकर सपा मुखिया ने सोची समझी रणनीति के तहत गिरगिट की तरह रंग बदला है। आकाश आनंद को पिछले महीने उत्तराधिकारी घोषित करने के बावजूद, ये प्रचारित किया जा रहा है कि बीएसपी प्रमुख संन्यास लेने वाली है। यह पूरी तरह से फ़र्ज़ी और ग़लत खबर है। देश में आम चुनाव की घोषणा होने वाली है। मायावती ने कहा बीएसपी के कार्यकर्ता चुनाव में बीएसपी को जिताकर मुझे जन्मदिन का तोहफ़ा दे सकते हैं। बीएसपी आम चुनाव अकेले ही लड़ेगी.”