Amit Shah on Article 370: आर्टिकल 370 भारतीय संविधान का एक प्रावधान था। जो जम्मू-कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा देता था। आर्टिकल 370 के प्रावधान ऐसे थे कि भारतीय संविधान भी जम्मू कश्मीर में सीमित हो जाती थी, जिससे देश के सरकारें राज्य के फैसले को लेकर हमेशा बंधी रहती थीं। आर्टिकल 370 और 35 (ए) की आड़ में यह सुनिश्चित किया गया कि जम्मू और कश्मीर के लोगों को कभी भी उनके अधिकार और वैसा विकास ना मिले, जो उनके साथी भारतीयों को मिला।
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इन आर्टिकल के कारण एक ही राष्ट्र से संबंधित लोगों के बीच एक दूरी बन गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 5 अगस्त, 2019 को एतिहासिक फैसला सुनते हुए निष्प्रभावी कर दिया। एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के फैसले को बरकरार रखा है। इसके बाद पूरे देश से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। सोमवार (11 दिसंबर ) को उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बाद संसद में भी जमकर बहस हुई।
खास कर उच्च सदन राज्यसभा में भारत के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah on Article 370) ने कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू की गलतियों के कारण कश्मीर में समस्या हुई। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस के सांसद हंगामा करने लगे जिस पर तंज कसते हुए अमित शाह (Amit Shah on Article 370) ने कहा, “अरे बैठिए सुनना पड़ेगा। इन तीन परिवारों ने गलती की…” उनका इशारा गांधी परिवार, अब्दुल्ला परिवार और मुफ्ती परिवार की ओर था जिनका कश्मीर पर लंबे वक्त तक शासन रहा।
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“पंडित नेहरू के कारण हुई कश्मीर के विलय में देरी”
हम आप सभी को बता दे कि, सोमवार को राज्यसभा में 370 पर बोलते हुए भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah on Article 370) ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के कारण जम्मू कश्मीर के विलय में देरी हुई। अमित शाह (Amit Shah on Article 370) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी कांग्रेस को आपत्ति है। मैं इनको (कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल) नहीं समझा सकता क्योंकि मेरी मर्यादा है।
जवाहरलाल नेहरू को मानोगे कि नहीं?”
अमित शाह (Amit Shah on Article 370) ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक और आरक्षण संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा, “एक बात तो सर्वविदित है कि अगर असामयिक युद्धविराम नहीं हुआ होता तो आज पाक अधिकृत कश्मीर यानी कि PoK नहीं होता। मैं एक बयान पढ़ना चाहूंगा… यह जवाहरलाल नेहरू का उद्धरण है। उनको तो मानोगे या नहीं मानोगे कि उन्होंने गलती की है। इसे स्वीकार करें…”
हम आप सभी को बता दे कि, अमित शाह (Amit Shah on Article 370) ने इस दौरान फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ का भी जिक्र किया. उन्होंने नेहरू मेमोरियल में मौजूद एक किताब का जिक्र करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने खुद कश्मीर को लेकर अपनी गलती को स्वीकारा था। अमित शाह ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रधानमंत्री नेहरू से मुलाकात के प्रकरण के बारे में बताया.
“पटेल ने कहा – आपको कश्मीर चाहिए कि नहीं…”
अमित शाह (Amit Shah on Article 370) ने कहा साल 1947 में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर पर आक्रमण करने के बाद हुई इस मीटिंग के दौरान सैम मानेकशॉ वहां मौजूद थे। कश्मीर में फौज भेजने से नेहरू हिचकिचा रहे थे। पटेल ने नेहरू से कहा कि आपको कश्मीर चाहिए या नहीं? कश्मीर में सेना भेजने में इतना वक्त क्यों लिया जा रहा है। इस मुलाकात के बाद कश्मीर में सेना भेजने का निर्णय लिया गया।
“नेहरू ने गलत वक्त पर करवाया युद्ध विराम”
अमित शाह (Amit Shah on Article 370) ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा कि कश्मीर में हमारी सेना बढ़त पर थी। अगर दो दिन और मिल जाते तो भारत पूरे पीओके को खाली करा लिया जाता नेहरू ने गलत वक्त पर सीज फायर करवा दिया। यूनाइटेड नेशन में जाना भी उनकी एक बड़ी गलती थी। अमित शाह ने कहा कि सभी जानते हैं कि, कश्मीर के विलय में इसलिए देरी हुई थी, क्योंकि शेख अब्दुल्ला को विशेष स्थान देने का आग्रह था। यही कारण है कि, पाकिस्तान को आक्रमण करने का मौका मिला।