भारी मिस्टेक हो गया सर’…. भारत बंद के दौरान लाठीचार्ज में पीट गए SDM साहब


PATNA : आज देश में 21 संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था. कारण एससी-एसटी के रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले बताया गया।

लेकिन इसी बीच पटना में डाकबंगला चौराहा पर प्रदर्शन के दरमियान बिहार पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जोरदार झड़प हो गई। तब पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। तभी एक पुलिसवाले में पटना के एसडीएम पर ही लाठी चला दी. इससे एसडीएम साहब बिलबिला गए।

एसडीएम श्रीकांत कुंडली खंडलेकर पर चलाई लाठी

दरअसल, भारत बंद को लेकर राजधानी सहित देशभर में कई दुकानें बंद रही। मिली जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों पटना के डाकबंगला चौराहे पर बैरिकेडिंग कर रास्ता को रोक दिया था। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज भी किये और पानी कैनन से पानी के फव्वारे भी छोड़े गए।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों को शांत कराने पहुंचे SDM Shrikant Kundali Khandalekar पर ही कुछ पुलिस वालों ने लाठियां बरसा दी।

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तुरंत सिपाहियों को अफसर ने रोका

इसके बाद मौके पर मौजूद वैसे सीनियर पुलिस अधिकारी जो SDM Shrikant Kundali Khandalekar को पहचान रहे थे, उनलोगों ने तुरंत उन सिपाहियों को रोका।

तब तक SDM साहब को कुछ लाठियां लग चुकी थी। इसके बाद पुलिस अफसर और जवानों ने इसके लिए एसडीएम साहब से माफी मांगी और कहा कि सर भारी मिस्टेक हो गया, गलती से हो गई।

गया से प्रदर्शन करने पटना पहुंचे प्रदर्शनकारि

मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों की टोली अलग-अलग रास्तों से अलग-अलग समय पर डाक बंगला चौराहा पर पहुंचा गया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अभी तो यह झांकी है।

उनके आरक्षण को अगर दिक्कत किया गया तो स्थिति और भी बुरा होगा। प्रदर्शनकारियों ने अपने बारे में बताया कि वह गया से आए हैं और राज्य के अन्य जिलों से उनके साथी पटना में प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे हैं।

क्यों हो रहा विरोध

National Confederation of Dalit and Adivasi Organisations की ओर से आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रिमी लेयर से संबंधित टिप्पणी पर आज भारत बंद का आह्वान किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर अपना एक फैसला सुनाया था। कोर्ट ने यह कहा था कि सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां समान वर्ग की नहीं है।

कुछ जातियां और अधिक पिछड़ी हो सकती है। इन लोगों के उत्थान के लिए राज्य सरकारों द्वारा एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण कर अलग से इनका कोटा का निर्धारित कर सकती हैं।



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