मेडिकल छात्रों के लिए बड़ा झटका, तीन बार हुए फेल तो… : Career


MBBS Student News : अगर आप सुपरस्पेशलिटी विभागों में अपना करियर बना चाहते हैं तो आज का हमारा यह लेख आपके लिए है. क्योंकि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) राज्य के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों के सुपरस्पेशलिटी विभागों में सहायक प्राध्यापक के 220 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और आप 28 जनवरी तक आनलाइन आवेदन कर सकते है.

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आयोग की अधिसूचना के अनुसार एमबीबीएस कोर्स में प्रत्येक अनुत्तीर्णता परीक्षा के लिए एक मेधा अंक कम कर दिया जाएगा. वहीं, तीन से अधिक परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण होने पर संबंधित आवेदन के पात्र नहीं होंगे.

हम आप सभी को बता दे कि, सचिव सह परीक्षा नियंत्रक रविभूषण ने जानकारी दिया कि एमबीबीएस, एमडी, एमएस, पीएचडी, डीएम, डीएनबी, एमसीएच की डिग्री एनएमसी के मान्यता प्राप्त कालेजों और संस्थानों की ही मान्य कि जाएगी. इससे जुड़ी पूरी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है.

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आयोग के मुताबिक एमबीबीएस की परीक्षा में 70 प्रतिशत से अधिक अंक होने पर पांच मेधा अंक निर्धारित है. 65 से अधिक पर चार, 60 से अधिक पर तीन, 55 से अधिक पर दो तथा 50 से अधिक पर एक मेधा अंक का प्रविधान किया गया है.

अगर आप एक या एक से अधिक एमबीबीएस परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण होते हैं तो इस स्थिति में प्राप्तांक के कुल योग की गणना संबंधित विषयों में अनुत्तीर्णता एवं उत्तीर्णता अंकों का मध्यमान से की जाएगी.

हम आप सभी को बता देना चाहते हैं कि, विदेशी मान्यता प्राप्त संस्थानों से एमबीबीएस पास विद्यार्थियों के प्राप्तांक की गणना विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा स्क्रीनिंग टेस्ट (एफएमजीई) के प्राप्तांक प्रतिशत को दशमलव छह (0.6) के गुणक से गुणा करके किया जाएगा.

आप सभी को बता दे एमडी, एमएस अथवा भारतीय चिकित्सा परिषद के द्वारा स्पेशलिटी में अहर्ता तथा पीएचडी, डीएमएमसीएच के लिए 10-10 अंक, सरकारी क्षेत्र में कार्यानुभव हेतु हर साल दो अंक मिलेंगे, इसके लिए अधिकतम 10 अंक दिए जाएंगे. साक्षात्कार के लिए छह निर्धारित किए गए हैं. प्रत्येक शोध प्रकाशन के लिए दो अंक दिए जाएंगे, इसमें अधिकतम प्रविधान 10 अंक का है.

अभ्यर्थी को सहायक प्राध्यापक में नियुक्ति के लिए न्यूनतम 18 अंक प्राप्त करना जरूरी है. राज्य में केंद्र व राज्य सरकार, पंचायत, नगर निकाय के द्वारा संचालित चिकित्सा महाविद्यालय व संस्थानों में कार्यानुभव को अधिमानता दी जाएगी. आप सभी को जानकारी दें कि चिकित्सा शिक्षा के कार्यानुभव के लिए संस्थानों की पूरी सूची आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

आयोग के मुताबिक विषय विशेष में स्नातकोत्तर डिग्री एवं डीएम, एमसीएच, डीएनबी (सुरपरस्पेशियलिटी) नहीं करके पांच वर्ष का एमसीएच डिग्री या पांच वर्ष का डीएम डिग्री है. उन्हें 20 अंक मान्य होगा. इसके लाभ के लिए विद्यार्थी को संस्थान से निर्गत पांच वर्षीय डीएम, एमसीएच डिग्री होने संबंधि प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना जरूरी होगा.



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