यूपी के किसान ने किया कमाल, रेतीली जमीन के इस्तेमाल से बना लखपति, बताया सफलता का राज : Success Story


Success Story: आज हम आप सभी के लिए एक ऐसे किसान की कहानी लेकर आये है जिसने कोसी तटबंध के हजारों एकड़ बलुआही जमीन पर जहाँ कोई झांकता नही था वैसी जमीन पर उसने कद्दू, खीरा, कदीमा, परवल, तरबूज आदि की खेती कर के लखपति बन गया। भलें ही आपको ये सुनने में यक़ीनन न हो लेकिन, यह सच और इसलिए आज हम आप सभी को अपने इस लेख में Success Story के बारे में बतायेंगे।

हम आप सभी को बता दें कि, कोसी तटबंध के अंदर हजारों एकड़ बलुआही जमीन मौजूद है। जो तकरीबन छह महीने तक पानी के अंदर रहती है. परंतु बाहर निकलती है तो सोना ही उगलती है। और ऐसा हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि, वर्षों पहले तक इस बलुआही जमीन की ओर कोई झांकता तक नहीं था। परंतु, अब इसी जमीन पर कद्दू, खीरा, कदीमा, परवल, तरबूज आदि की खेती कर किसान एक ही सीजन में लाखों रुपए कमा रहे हैं।और ऐसा यूपी से आने वाले किसानों ने कर दिखाया है।

सरकारी नौकरी Whatsapp ग्रुप में जुड़े
यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें: Long Pepper, VTR के जंगल में उगता है यह, लिवर के लिए रक्षा कवच, इन दर्जनों बीमारी में लाभकारी हैं यह पौधा

हम आप सभी को बता दें कि, पिछले कुछ वर्षों से यूपी के किसान आकर यहां की बलुआही जमीन लीज पर लेते हैं और इसी जमीन पर कद्दू, खीरा, कदीमा, परवल, तरबूज इत्यादि की खेती करके लाखों का मुनाफा भी कमाते हैं। अगर हम इस जमीन की बात करें तो ये नेपाल बॉर्डर से शुरू होकर सुपौल और सहरसा जिले से आगे बढ़ते हुए खगड़िया जिला तक कोसी तटबंध स्थित है। बता दें कि, कोसी और उसकी कई उपशाखाओं के बहने के वजह से तटबंध के अंदर की हजारों एकड़ रेतीली जमीन सुनसान पड़ी रहती थी।

चूँकि, जब से यूपी के किसान ने यहां आकर सुखाड़ के मौसन में सब्जी और फल की लगाना शुरू किया, तब से यहां के स्थानीय किसान भी इस जमीन का उपयोग खेती में करने लगे। जिसके बाद से अब इन रेतीली जमीन पर हरियाली छाई गई है। स्थानीय लोग कहते है कि तटबंध के भीतर तकरीबन हजार एकड़ की भूमि पर 500 से ज्यादा किसान मिलकर कद्दू, कदीमा, खीरा और करेला की खेती कर रहे हैं। यहां तक कि हर एक किसान औसतन चार-पांच लाख रुपए तक का मुनाफा इससे कमा लेते हैं।

12 साल से कर रहे सब्जी की खेती

हम आप सभी को बता दें कि, उत्तरप्रदेश के शामली जिला के रहने वाले इसरान खान कहते है कि, वे एक दिन घूमते हुए यूंही 12 वर्ष पूर्व पहले इस क्षेत्र में आए थे। खाली पड़ी रेतीली खेत देखकर उन्होंने प्रयास के तौर पर 7 बीघा जमीन लीज पर ली और सब्जियों की खेती की करना शुरू किया।

जिसके बाद इसमें उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ। फिर धीरे-धीरे यह कारवां आगे बढ़ता गया। वे कहते हैं कि परिवार के साथ इस जगह में रहकर कद्दू, खीरा, कदीमा, करेला की वृहद पैमाने पर खेती कर रहे हैं। बीज रोपने से लेकर पटवन तक सात बीघा में सब्जियां उगाने में तीन लाख रुपए का खर्च आता है। खर्च काटकर चार लाख रुपए का मुनाफा भी हो जाता है।

यह भी पढ़ें: Property Knowledge, कौन होता है मां की संपत्ति का असली हकदार? क्या कहता है कानून

सारांश

आज के इस लेख में आप सभी को Success Story के बारे मे बताई गई है। जिसमें एक किसान ने कोसी तटबंध के हजारों एकड़ बलुआही जमीन पर जहाँ कोई झांकता नही था वैसी जमीन पर कद्दू, खीरा, कदीमा, परवल, तरबूज आदि की खेती कर के लखपति बन गया। अतः हमे उम्मीद हैं की आपको हमारा आज का यह लेख “Success Story” बेहद पसंद आया होगा। हमे उम्मीद हैं कि इस लेख को आप अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे।



Source link