Sheohar News : बड़े बुजुर्ग का कहना है कि दूल्हा-दुल्हन की जोड़ी ऊपर वाले ही बनाकर भेजते हैं. इस बात से कुछ लोग भले ही इनकार करते, लेकिन कुछ ऐसी घटनाएं हमारे सामने आती है, जिससे हम यह मानने पर मजबूर हैं कि, वाकई में ईश्वर ही जोड़ी बना कर भेजता हैं. बिहार के शिवहर जिला में कुछ दिनों पहले एक घटना घटी है.
जो काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. चर्चा हो भी क्यों नहीं. घटनाएं कुछ ऐसी है. दरअसल, जयमाला हुआ…शादी की रस्म हुई…दूल्हे ने दुल्हन की मांग भरी… फिर दूल्हे के शरीर में दुल्हन ने ‘वो’ देखी और साथ रहने से इनकार कर दिया. परिवार बालों के काफी प्रयास के बाद भी दुल्हन साथ रहने को तैयार नहीं हुई. बारातियों को दूल्हे के साथ बिना दुल्हन के लौटना पड़ा.
सरकारी नौकरी Whatsapp ग्रुप में जुड़े
यहां क्लिक करें
शिवहर जिला के तरियानी का मामला
हम आप सभी को बता दे कि, यह धटना कुछ दिन पूर्व शिवहर जिले के तरियानी प्रखंड का है. बताया जा रहा है कि, पूरे बैंड-बाजे के साथ दुल्हन के दरवाजे पर बारात लगी. जयमाला हुआ. दुल्हन पक्ष ने बाराती का पूरा स्वागत भी किया. बाराती भोजन किए.
दुल्हा शादी करने के लिए मंडप में पहुंचा. पंडित जी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शादी की रस्म पूरी कराने लगे. सिंदूर दान होने तक तो सबकुछ ठीक रहा और दूल्हे ने दुल्हन की मांग भर दी.
यह भी पढ़ें: Airtel Recharge Plan : एयरटेल में तीन महीने तक मिलेगा सबकुछ फ्री
जब दूल्हे के नए कपड़े पहनने की बारी आती है, तो दूल्हे के पैर देख दुल्हन के होश उड़ गए. दरअसल, बात यह है कि दूल्हे को ‘हाथी पांव’ (मोटा पांव या फिल पांव) था. उसका पैर देखते ही दुल्हन सीधे दुल्हे साथ रहने से इनकार कर दी.
दूल्हे पक्ष ने चुकाया पूरा खर्च
दुल्हन के परिजनों ने समझाने की काफी कोशिश की, पर दुल्हन मानने को तैयार नहीं हुई. उसने साफ-साफ साथ रहने से इनकार कर दिया. इस पर दूल्हा और दुल्हन पक्ष में विवाद भी उत्पन्न हो गया. आपको बता दें यह बारात समस्तीपुर जिला के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के लगुनिया गांव से आई थी.
विवाद शुरू होने पर ग्रामीण की भीड़ जमा हो गई. फिर पंचायत बैठाई गई और निर्णय लिया गया कि, दूल्हे पक्ष को बाराती के स्वागत पर खर्च देना पड़ेगा. अंतत: दूल्हा पक्ष को खर्च की पूरी राशि चुकता करके बिना दुल्हन के ही लौटना पड़ा.
यह भी पढ़ें: Supreme Court : शादी पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- ‘सात फेरों के बिना हिंदू शादी वैध नहीं’