सर्दियों के मौसम में असरदार है ये पिपली, खांसी से लेकर कब्ज तक का है आयुर्वेदिक इलाज : Health


Pippali Benefits In Hindi: हम सभी ये जानते है कि सर्दियों का सीजन चल रहा है ऐसे में कई संक्रमित बीमारियां फैलती है। जिसमें आपका स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है और इसलिए आज हम आप सभी के लिए सर्दियों के मौसम में होने वाले कई संक्रमणों और बीमारियों से बचाव हेतु Pippali Benefits In Hindi लेकर आये है। हम आप सभी को बता दें कि, इसे पिप्पली या पिपली भी कहा जाता है। साथ ही साथ हम आप सभी को यह भी बता दें कि, ‘पिप्पली’ आयुर्वेद को वो खजाना है, जिसमें सेहत के अनेकों गुण छिपे हैं।

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हम आप सभी को बता दें की, पिप्पली लंबी काली मिर्च जैसी दिखने वाली एक वनस्पति है, जो कि आयुर्वेद में औषधीय गुणों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यही वजह है कि आयुर्वेद में पिप्पली का इस्तमाल विभिन्न तरह के दवाओं और उपचारों में किया जाता है। साथ ही यह सर्दियों के मौसम में होने वाले कई संक्रमणों और बीमारियों से आपका बचाव करती है। इसलिए आज हम आप सभी आपके इस लेख में Pippali ke Fayde के बारे में बतायेंगे। यहां तक यह श्वसन तंत्र में सुधार करने के साथ ही आपके पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाने में सहायक है। वहीं इसे लेने के कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं। तो चलिए जानते है आखिर क्यों है पिप्पली इतनी खास और इसमें क्या गुण छिपे हैं।

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कफ-वात को करती है संतुलित

हम सभी ये जानते है कि, सर्दियों में खासतौर पर लोगों को कफ और बलगम की दिक्कतें होती है, और इसमें पिप्पली इनका सही समाधान है। बता दें को, पिप्पली कफ और वात दोष को संतुलित करने में सहायक है। साथ ही साथ यह सर्दी, खांसी, जुकाम, एलर्जी इत्यादियों की समस्याएं जड़ से करती है। जानकारी दें की, आयुर्वेद में पिप्पली को ‘त्रिकटु’ नाम का एक महत्वपूर्ण औषधीय योग का प्रमुख तत्व कहा जाता है, इसमें पिप्पली के अलावा गुडूची और अदरक भी मौजूद हैं। वहीं खांसी होने पर, यदि व्यक्ति पिप्पली चूर्ण को शहद या दूध के साथ 1 या 2 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 से 3 बार इसका सेवन करे, तो अवश्य इससे आराम मिलेगा। आप चाहें तो पिप्पली और अदरक का काढ़ा बनाकर भी दिन में 2 से 3 बार लें सकते हैं। वहीं काढ़ा बनाने के लिए 1 चम्मच पिप्पली चूर्ण, 1 चम्मच अदरक का रस और 1 कप पानी को मिलाकर उबालें। जब पानी आधा बच जाए तो इसे छानकर पिएं लें।

मजबूत होता है पाचन तंत्र

हम आप सभी को यह बता दें कि, पिप्पली पाचन शक्ति को बढ़ाने में सहायक है। साथ ही साथ यह भोजन के पाचन को बेहतर बनाने, भूख बढ़ाने और कब्ज को दूर करने में उपयोगी है। अगर आप इसे नियमित लेते है तो आपका मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होगा। इनका इस्तमाल आप चूर्ण को सुबह खाली पेट या भोजन के बाद 1 या 2 ग्राम की मात्रा में शहद या दूध के साथ लें सकते है।

उल्टी और दस्त को रोकने वाला

पिप्पली मानव जीवन आवश्यक है क्योंकि इसे उल्टी और दस्त को रोका जा सकता है। यहां तक कि, यह जठरांत्र संबंधी समस्याओं में लाभकारी माना जाता है। आप सभी सर्दियों के मौसम में पिप्पली का काढ़ा बनाकर दिन में 2-3 बार इसका सेवन कर सकते हैं। इसके लिए दो से तीन पिप्पली को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। या फिर आप चूर्ण का उपयोग करके भी काढ़ा बना सकते हैं। पिप्पली का चूर्ण आसानी से बाजार में उपलब्ध होता है।

बढ़ाती है इम्यूनिटी

हम आप सभी को बता दें कि, पिप्पली एक स्वास्थ्यवर्धक औषधि है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा में सहायता प्रदान करती है। इसके नियमित सेवन से वजन भी कम होता है।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

बता दें की, पिप्पली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों का भंडार है। वहीं एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर की कई परेशानियों से बचाव करता हैं। तो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण पिप्पली सूजन कम करने में भी मददगार होती है।



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