Raksha Sutra Bandhne Ka Sahi Tarika: क्या आपको पता है कि, हिंदू धर्म में रक्षासूत्र बांधने का सही तरीका क्या है और इसे कितनी बार लपेटना चाहिए? अगर नही पता तो हमारे साथ लेख में बने रहिए क्योंकि आज हम आप सभी को अपने इस लेख में कलावा बांधने का सही तरीका और इसे बांधने के धार्मिक एवं वैज्ञानिक कारण भी बतायेंगे. हम सभी जानते है कि, हिंदू धर्म में पूजा-पाठ या किसी शुभ कार्य में कलावा का प्रयोग करना अनिवार्य माना जाता है. क्योंकि कलावा बांधने का धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी मौजुद है.
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हम आप सभी को बता दें कि, कलावा न सिर्फ देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है बल्कि इसे व्यक्ति के हाथ पर रक्षासूत्र के रूप में भी बांधा जाता है. ऐसा मान्यता है कि व्यक्ति के बांह हाथ पर रक्षासूत्र पहनने से व्यक्ति को अनिष्ट से रक्षा मिलती है. इसके अलावा कलावा बांधने वाले लोगों पर भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है. परंतु, इससे आपको सभी को लाभ तभी मिलेगा जब आप इसे बाँधने के सही नियमों का पालन करेंगे. और इसलिए आज हम आप सभी को अपने इस लेख में Raksha Sutra Bandhne Ka Sahi Tarika के बारे में बतायेंगे.
हम आप सभी को जानकारी दें कि, कलावा पहनने और उतारने तक के ज्योतिष शास्त्रों में कई नियम बताए गए हैं. यदि आप सभी इन नियमों का पालन करते है तो आप सभी कई समस्याओं से बच सकते है. तो चलिए जानते है तीर्थ नगरी कासगंज के सोरों के ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित जी के अनुसार कलावा बांधने और उतारने के नियम और धार्मिक महत्व के बारे में…
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क्यों पहनते हैं मौली या कलावा
डॉ. गौरव दीक्षित जी के अनुसार, कलावा बांधने से 5 त्रिदेवों के साथ-साथ देवी लक्ष्मी, पार्वती और सरस्वती का भी आशीर्वाद व्यक्ति को प्राप्त होता है, जिससे वह जो भी काम करना चाहता है वह बिना किसी समस्या के सम्पूर्ण हो जाता है. हम आप सभी को बता दें कि, मौली तथा कलावा को रक्षा सूत्र के नाम से जानते है, इससे कठिन समय में हमारी रक्षा करता है और घर में सुख-समृद्धि भी बनाए रखता है.
यहां तक कि मौली और कलावा जोड़ने से व्यक्ति का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. अब हम आप सभी को मौली, कलावा एवं रक्षा सूत्र बांधने के वैज्ञानिक कारण भी बताते है. हम सभी जानते है कि, हमारे शरीर की संरचना का मुख्य नियंत्रण कलाई में मौजूद होता है. इसलिए मौली धागा एक्यूप्रेशर की तरह काम करके मानव शरीर में हृदय रोग, मधुमेह और लकवा जैसी गम्भीर बीमारियों से बचाता है.
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कलावा बांधने का मंत्र – Raksha Sutra Mantra
यदि आप भी कलावा बांधने का मंत्र को जानना चाहते है तो, डॉ. गौरव दीक्षित के मुताबिक कलावा हमेशा किसी योग्य कर्मकांडी ब्राह्मण या अपने से वरिष्ठ व्यक्ति से ही बंधवाना चाहिए. ऐसा इसलिए करना चाहिए ताकि आप अपने साथ होने वाली किसी भी अप्रिय घटना से खुद को बचा सकते हैं. बता दें कि, रक्षासूत्र हमेशा पुरुष को अपने दाहिने हाथ में तथा महिला को अपने बाएं हाथ में पहनना चाहिए. वहीं Raksha Sutra Mantra है- “येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्र महाबल”। तेन त्वामनुबधनामि रक्षे माचल माचल।” इसे बांधने के दौरान मंत्र को बार-बार उच्चारण करना चाहिए.
कलावा बांधने का सही तरीका
हम आप सभी को बता दें कि, ज्योतिष शास्त्र के नियम के अनुसार सबसे पहले कलावा बंधवाने वक्त अपने हाथ के मुट्ठी में एक सिक्का या रुपया लेकर ही कलावा बंधवाए. इसके बाद अपना दूसरा हाथ अपने सिर के पर रखें. साथ ही साथ अपने हाथ में 3, 5 या 7 बार कलावा लपेटना चाहिए. कलावा बंधने के बाद अपने हाथ में जो दक्षिणा है उसे उस व्यक्ति को उपहार में स्वरूप दे दें जिसने आपके हाथ में कलावा बांधा है.
उतरे हुए कलावे का क्या करें?
यदि आप भी कलवा उतारने के सही तरीके के बारे में जानना चाहते है तो, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हाथ पर बंधा कलावा सिर्फ मंगलवार और शनिवार दिन को ही खोलना चाहिए. इसे खोलने के पश्चात व्यक्ति को पूजा कक्ष में बैठकर ही दूसरा कलावा बांधना चाहिए. इसके बाद हाथ से कलावा उतारकर पीपल के पेड़ के नीचे रख दें या बहते जल में डाल दें.
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सारांश
आज के इस लेख में आप सभी को ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रक्षासूत्र बांधने का सही तरीका के बारे में बताई गई है. क्योंकि आप सभी को इसका लाभ तभी मिलेगा जब आप इसे बाँधने के सही नियमों का पालन करेंगे. अतः हमे उम्मीद हैं की आपको हमारा आज का यह लेख “Raksha Sutra Bandhne Ka Sahi Tarika” बेहद पसंद आया होगा. हमे उम्मीद हैं कि इस लेख को आप अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे.