40 लाख छात्रों के लिए केके पाठक का बड़ा फैसला… : Bihar


KK Pathak Big Decision: बिहार में अभी सियासी उठापटक चल रही है इसी बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव KK Pathak अपने अभियान में लगे हैं. केंद्र सरकार को उनकी ओर से एक खास प्रस्ताव तैयार कर भेजा जा रहा है. खबरों के अनुसार इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद बिहार के 40 लाख छात्र-छात्राओं को फायदा होगा. आप सभी को बता दे कि, प्रारंभिक की तर्ज पर शिक्षा विभाग माध्यमिक और बिहार के उच्च माध्यमिक स्कूलों के छात्रों को मुफ्त पाठ्यपुस्तक मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगा.

________________________
Latest Govt. Job की जानकारी चाहिए तो बिना देरी किये Whatsapp Group जॉइन करें

इसके लिए केके पाठक के निर्देश पर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने एक प्रस्ताव तैयार किया है. केंद्र सरकार से शैक्षणिक सत्र 2024-25 के बजट के लिए इसकी मांग की जाएगी. बताया जा रहा है कि, अगर ऐसा हुआ तो छात्रों को इससे काफी फायदा होगा और उन्हें पुस्तकें मुफ्त में मिल जाएंगी. इससे पहले सिर्फ प्रारंभिक स्कूल के छात्रों को पुस्तकें मुफ्त में मिलती थीं.

शिक्षा विभाग की पहल

मीडिया को विभागीय पदाधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि, बिहार एक गरीब राज्य है. इसलिए विशेष व्यवस्था के तहत विद्यार्थियों के सुविधा के लिए सरकार माध्यमिक और उच्च माध्यमिक छात्रों को किताबें देने की योजना को स्वीकृति प्रदान कर सकती है. अगर KK Pathak द्वारा बनवाए गए इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की ओर से मुहर लग जाती है, तो माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के 40 लाख विद्यार्थियों को लाभ होगा.

यह भी पढ़ें: Bihar Government Teacher App : KK Pathak रखेंगे नजर! सरकारी शिक्षकों के लिए ऍप लांच

हम आप सभी को बता दे कि, हर साल कक्षा पहली से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताबें दी जाती हैं. वर्ष 2024-2025 में प्रारंभिक के सवा करोड़ बच्चों को किताबें उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है. अभी 25 फीसदी किताबों की छपाई भी हो चुकी है. KK Pathak पूरी कोशिश कर रहे है कि, छात्रों को इस बार भी समय पर किताबें मिल जाए. इन दिनों स्कूलों में छात्रों के अलावा शिक्षकों की उपस्थिति में काफी सुधार आया है. अभी बिहार में पढ़ाई सही समय से चल रही है.

मुफ्त में मिलेंगी किताबें

हम आप सभी को बता देना चाहते हैं कि, किताबों को प्रखंडों में रवाना किया जाने लगा है. किताबों में होने वाले खर्च में केंद्र और राज्य सरकार दोनों का हिस्सा होता है. गरीब परिवार के छात्रों को मुफ्त किताब योजना से काफी लाभ होता है. कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए सवा नौ करोड़ किताबों की छपाई हो रही है. बिहार के अलावा दूसरे राज्यों के 56 प्रकाशकों को किताब छापने की जिम्मेदारी दी गई है.

प्रखंडों तक कक्षा के अनुसार किताबों का सेट भिजवाया जा रहा है. बिहार में वर्षों बाद सभी बच्चों के पास नई किताबें होंगी. बताया जा रहा है कि दिल्ली में केंद्रीय पदाधिकारियों के साथ समग्र शिक्षा अभियान के तहत बिहार के लिए योजना की स्वीकृति को लेकर 30 और 31 जनवरी को बैठक होगी. इस बैठक में बिहार अपनी शिक्षा से जुड़ी मांगों को रखेगा. इसी में माध्यमिक छात्रों को किताबें देने की मांग भी उठाई जाएगी. इसमें बिहार के शिक्षा विभाग के अधिकारी भी शामिल होंगे.

केके पाठक का अभियान

हम आप सभी को बता दे कि, KK Pathak ने बिहार में जब से अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाला है. स्कूलों की तस्वीर बदल कर रख दी है. स्कूल में साफ-सफाई से लेकर शिक्षकों को सही समय पर वेतन दिलाने तक का काम उन्होंने किया है. KK Pathak के आने के बाद स्कूल के विकास मद में बची राशि खर्च होने लगी है. जिससे स्कूलों का विकास होने लगा है.

KK Pathak ने जबसे कार्यभार संभाला है तबसे स्कूलों में छात्र और शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ी है. छात्र मन लगाकर पढ़ाई कर रहे हैं और स्कूलों के लैब का सही उपयोग हो रहा है. स्कूलों में मौजूद खेल सामग्री का उपयोग भी होने लगा है. केके पाठक के दिशा-निर्देश के बाद बिहार के स्कूलों में पढ़ाई की क्वालिटी काफी सुधरी है. स्कूलों में शिक्षक अब अपनी ड्यूटी सही से कर रहे हैं.

उसके अलावा KK Pathak की ओर से मिशन दक्ष भी शुरू किया गया है. इस योजना का असर भी दिखने लगा है. बिहार में चल रहे शीतलहर के दौरान उन्होंने स्कूलों के अलावा कोचिंग संस्थानों को खोल कर रखने की बात कही थी. उसे लेकर थोड़ा सा विवाद भी हुआ. हालांकि, कई जिलों में स्कूल खुले हुए हैं. KK Pathak के किताब देने वाले फैसले से छात्रों को काफी लाभ होगा.



Source link