लाखों भक्तों की आस्था से खिलवाड़ का एक बेहद ही गंभीर चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। एक लैब टेस्ट रिपोर्ट के नतीजों से यह पता चला है कि तिरुपति के सुप्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद में दिया जाने वाला लड्डू बनाने के लिए गोमांस की चर्बी, मछली के तेल और ताड़ के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था।
बुधवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने यह आरोप लगाया कि पिछली YSRCP सरकार के समय प्रसिद्ध मिठाई तिरूपति लड्डू बनाने में काफी घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था। हालांकि, YSRCP ने इस दावे को खारिज किया।
हलनकी रिपोर्ट के निष्कर्षों से यह पता चलता है कि पिछली YSRCP की सरकार के समय प्रतिष्ठित तिरूपति लड्डू प्रसादम बनाने के लिए जो घी इस्तेमाल किया जाता था उसमें गोमांस और मछली के तेल सहित जानवरों की चर्बी के अंश मिले थे, जिससे बड़े पैमाने पर काफी आक्रोश फैल गया और धार्मिक भावनाओं का अनादर करने का आरोप लगाया गया।
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सुअर के फैटी टिश्यू से जुड़ा प्रोडक्ट भी
गुजरात के National Dairy Development Board’s Centre of Analysis and Learning in Livestock and Food या CALF लैब की एक रिपोर्ट से यह पता चला है कि जब YSRCP सरकार सत्ता में थी, तब प्रसिद्ध तिरूपति लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में जानवरों की चर्बी की मौजूदगी मिली थी।
रिपोर्ट में यह संकेत दिया गया कि घी में मछली के तेल, गोमांस की चर्बी के अंश थे। आखिर में एक सेमी-सॉलिड सफेद फैट प्रोडक्ट है, जो सुअर के फैटी टिश्यू को रेंडर करके बनाया जाता है।
मच गया राजनीति बवाल
बता दें कि तिरूपति के लड्डू को तिरूपति के प्रतिष्ठित श्री वेंकटेश्वर मंदिर में दी जाती है, जो तिरुमला तिरूपति देवस्थानम (TTD) की ओर से चलाई जाती है। बुधवार को पार्टी की एक बैठक के दरमियान मुख्यमंत्री ने यह दावा किया कि पहले लड्डू घटिया सामग्रियों से बनाया जाता था।
राज्य के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने भी इस मुद्दे पर पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, “तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हमारा सबसे पवित्र मंदिर है। मैं यह जानकर स्तब्ध हूं कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी प्रशासन ने तिरुपति प्रसादम में घी के बजाय जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया।”
News Source :- नवभारत टाइम्स और मनी कन्ट्रोल