Devi Brahmacharini : Religion


Devi Brahmacharini : आप सभी तो जानते ही हैं कि, नवरात्रि का पावन अवसर चल रहा है और नवरात्रि के इस नव दिनों में मां दुर्गा के नव रुपों कि पूजा कि जाती है जैसे कि, पहला दिन- मां शैलपुत्री, दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी, तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा, चौथा दिन- मां कूष्मांडा, पांचवां दिन- मां स्कंदमाता, छठां दिन- मां कात्यायनी, सातवां दिन- मां कालरात्रि, आठवां दिन- मां महागौरी, नौवां दिन- मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है.

हम आप सभी को बता दे कि, कल नवरात्रि का दूसरा दिन है और इस दिन मां ब्रह्मचारिणी (Devi Brahmacharini) की पूजा की जाती है. देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार , संयम की वृद्धि होती है. जीवन की कठिन समय मे भी उसका मन कर्तव्य पथ से विचलित नहीं होता है. देवी अपने साधकों की मलिनता, दुर्गणों व दोषों को खत्म करती है. देवी की कृपा से सर्वत्र सिद्धि तथा विजय की प्राप्ति होती है.

मां ब्रह्मचारिणी (Devi Brahmacharini)

दूसरे नवरात्र में मां के ब्रह्मचारिणी (Devi Brahmacharini) एवं तपश्चारिणी रूप को पूजा जाता है. हम आप सभी को बता दे कि, भक्त अगर साधक मां के इस रूप की पूजा करते हैं तो उन्हें तप, त्याग, वैराग्य, संयम और सदाचार की प्राप्ति होती है. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जीवन में वे जिस बात का संकल्प कर लेते हैं उसे पूरा करके ही रहते हैं.

मां ब्रह्मचारिणी (Devi Brahmacharini) को क्या चढ़ाएं प्रसाद

नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी (Devi Brahmacharini) को चीनी का भोग लगाया जाता है क्योंकि मां को शक्कर का भोग प्रिय है. इस दिन ब्राह्मण को दान में भी चीनी ही देनी चाहिए. माना जाता है कि, ऐसा करने से मनुष्य दीर्घायु होता है. इनकी उपासना करने से मनुष्य में तप, त्याग, सदाचार आदि की वृद्धि होती है.

मां ब्रह्मचारिणी (Devi Brahmacharini) की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है. देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरूप ज्योर्तिमय है. ये मां दुर्गा की नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति हैं. तपश्चारिणी, अपर्णा और उमा इनके अन्य नाम हैं. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से सभी काम पूरे होते हैं, जिवन के रुकावटें दूर हो जाती हैं. और विजय की प्राप्ति होती है. इसके अलावा भी आपके जीवन के हर तरह की परेशानियां भी खत्म होती हैं. मां ब्रह्मचारिणी (Devi Brahmacharini) की पूजा करने से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है.

ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा विधि

हम आप सभी को जानकारी के लिए बता दे कि, मां ब्रह्मचारिणी (Devi Brahmacharini) की पूजा करते वक्त पहले हाथों में फूल लेकर मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें और प्रार्थना करते हुए नीचे लिखे मंत्र का उच्चारण करें.

श्लोक

दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु| देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||

ध्यान मंत्र

वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥

गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥

परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी (Devi Brahmacharini) को पंचामृत से स्नान कराएं, फिर अलग-अलग तरह के फूल,अक्षत, कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें। देवी को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाएं. इसके अलावा कमल का फूल भी देवी मां को चढ़ाएं और इन मंत्रों से प्रार्थना करें.

  1. या देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
  2. दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
    देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी (Devi Brahmacharini) को प्रसाद चढ़ाएं और आचमन करवाएं. प्रसाद के बाद पान सुपारी भेंट करें और प्रदक्षिणा करें यानी 3 बार अपनी ही जगह खड़े होकर घूमें. प्रदक्षिणा के बाद घी व कपूर मिलाकर मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें. इन सबके बाद क्षमा प्रार्थना करें और प्रसाद बांट दें.

प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है. मां जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में द्वितीय दिन इसका जाप करना चाहिए.

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

अर्थ : हे मां! सर्वत्र विराजमान और ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूं.

सारांश

हम आज के अपने इस लेख के माध्यम से आप सभी को मां ब्रह्मचारिणी (Devi Brahmacharini) की पूजा से जुड़ी संपूर्ण जानकारी दी है. ताकि आप सभी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि से सम्बंधित पूरी जानकारी पाकर इसका पूरा-पूरा लाभ प्राप्त कर सके. हम यह दावा बिल्कुल भी नहीं करते कि, हमारे द्वारा दि गई जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी हेतु संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.



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