Mata Chandraghanta : Religion


Mata Chandraghanta: नवरात्रि का पावन अवसर चल रहा है. और नवरात्रि को हिंदू त्योहारों में सबसे बड़ा उत्सवह माना जाता है. नवरात्रि 9 दिनों तक चलती है और प्रतिदिन देवी दुर्गा के एक विशेष रूप की पूजा कि जाती है. आज नवरात्रि का तीसरा दिन है इस दिन मां चंद्रघंटा (Mata Chandraghanta) की पूजा का विधान है. हम आप सभी श्रद्धालुओं को बता दे की, माता चंद्रघंटा भक्तों के जीवन में शांति, सुख और खुशियां भर देती है. भक्ति अगर माता चंद्रघंटा (Mata Chandraghanta) की पूजा वृद्धि पूर्वक करें तो माता चंद्रघंटा भक्तों के सभी पाप नष्ट कर देती हैं

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आज हम आप सभी को नवरात्रि के इस पावन अवसर पर नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा का महत्व और पूजा विधि के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से देंगे. माता चंद्रघंटा (Mata Chandraghanta) की पूजा विधि से जुड़ी जानकारी के लिए हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े. ताकि नवरात्रि के तीसरे दिन आप सभी माता चंद्रघंटा की पूजा विधि पूर्वक कर सके.

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माता चंद्रघंटा (Mata Chandraghanta) का स्वरूप

माता चंद्रघंटा (Mata Chandraghanta) का स्वरूप अत्यंत मनमोहक और सौम्य है. यह रूप भक्तों को परम शांति देता है. आप सभी को बता दे कि, माता चंद्रघंटा की सवारी शेर हैं. माता का रंग चांदी के समान उज्ज्वल है. माता चंद्रघंटा (Mata Chandraghanta) दस भुजाएं हैं और दसों भुजाओं में वे अस्त्र-शस्त्रों धारण करती हैं. माता चंद्रघंटा को देखकर ऐसा लगता है मानो वे असुरों से युद्ध लड़ने के लिए जा रही हैं. माता चंद्रघंटा ( Mata Chandraghanta) के मुकुट में घंटी और अर्धचंद्र सुशोभित है.

नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा ( Mata Chandraghanta) की पूजा की जाती है. माता चंद्रघंटा को मणिपुर चक्र की अधिष्ठाता देवी माना जाता है. मणिपुर चक्र यानी नाभि चक्र. आप सभी को बता दे कि, नाभि चक्र शरीर के बीच होता है, जिससे पूरे शरीर को ऊर्जा मिलती है. नाभि चक्र की ऊर्जा कम होने से शरीर में तरह-तरह के बिमारीया होने लगते हैं. अगर आपको डायबिटीज या पाचन तंत्र से संबंधित किसी भी तरह का रोग होता है, या नाभि चक्र डिस्टर्ब होता है. तो आपको माता चंद्रघंटा (Mata Chandraghanta) की विशेष आराधना करना चाहिए.

माता चंद्रघंटा (Mata Chandraghanta) की पूजा करने से अनावश्यक भय और अवसाद भी दूर होता है. माता चंद्रघंटा का विशेष पूजा करने से शक्ति, आत्मविश्वास, सौम्यता, विनम्रता जैसे सद्भाव भक्तों में प्रकट होते हैं. माता चंद्रघंटा को तुरंत मनोकामना पूरी करने वाली देवी माना जाता है. जब माता को भक्त पुकारते हैं, तो चारों मधुर घंटियों की आवाज सुनाई देने लगती है. ये घंटी की आवाज जीवन से नकारात्मकता को दूर कर देती है.

कैसे करें माता चंद्रघंटा की पूजा

  • नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा (Mata Chandraghanta) की पूजा करने से पहले स्नान करके शुद्ध उज्ज्वल कपड़े पहनें.
  • माता चंद्रघंटा के चित्र या मूर्ति को पूजा चौकी पर स्थापित करें.
  • माता चंद्रघंटा का आह्वान करें.
  • माता चंद्रघंटा को फल, फूल के दिव्य सुंगधित चीजें अर्पित करें.
  • माता चंद्रघंटा की पूजा में खीर और शहद का भोग लगाएं.
  • माता चंद्रघंटा के मंत्रों का कम से कम 108 बार जाप जरूर करें.

Mata Chandraghanta के मंत्र

ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥
या
या देवी सर्वभूतेषु, चंद्रघंटायै रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।।

माता चंद्रघंटा की पूजा से शुक्र पीड़ा दूर

और हम आप सभी भक्तों को बता दें कि, माता चंद्रघंटा (Mata Chandraghanta) की पूजा करने से शुक्र ग्रह की पीड़ा दूर होती है. माता चंद्रघटा के आशीर्वाद से वैवाहिक जीवन की समस्या दूर हो जाती है. वहीं शुक्र ग्रह को ज्योतिष में विलासिता का ग्रह माना जाता है. शुक्र ग्रह की पीड़ा दूर होने पर जीवन में प्रेम, आर्थिक लाभ और उन्नति होती है.

सारांश

हम आज के अपने इस लेख के माध्यम से आप सभी को माता चंद्रघंटा (Mata Chandraghanta) की पूजा विधि और पूजा से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी दी है. ताकि आप सभी माता चंद्रघंटा की पूजा से सम्बंधित पूरी जानकारी पाकर इसका लाभ प्राप्त कर सके। हम यह दावा बिल्कुल भी नहीं करते कि, हमारे द्वारा दि गई जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं. विस्तृत और अधिक जानकारी हेतु संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.



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