Mission Daksh: केके पाठक के ‘DAKSH’ से बमबम होंगे बिहार के 25 लाख…. : Sarkari Yojana


Mission Daksh: अगर आप बिहार के रहने वाले हैं तो आज का हमारा यह लेख आपके लिए है. हम आप सभी को बता दे कि, जल्द ही बिहार सरकार एक अनोखी योजना लेकर आ रही है. यह योजना मूल रूप से शिक्षा विभाग की है. इस योजना से हर वर्ष बिहार के 25 लाख बच्चे लाभांवित होंगे. शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों के बच्चों में ज्ञान की कमी से चिंतित है. बिहार के शिक्षा विभाग को देर से ही सही अब पता चला है कि आखिर बिहार में बहुत सारे बच्चे मैट्रिक तक जाते-जाते पढ़ाई छोड़ देते हैं

________________________
Latest Govt. Job की जानकारी चाहिए तो बिना देरी किये Whatsapp Group जॉइन करें

इस समस्या को समाप्त करने के लिए ही बिहार सरकार यह योजना लागू करने जा रही है. इस योजना का नाम क्या है, किस तरह के बच्चों को लाभ मिलेगा, कब से नामांकन होगा और योजना लाने के पीछे सरकार का मकसद क्या है, इससे जुड़ी पूरी जानकारी हम आप सभी को अपने इस लेख के माध्यम से देंगे.

Mission Daksh: पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए योजना

हम आप सभी को बता दे कि, शिक्षा विभाग का मानना है कि स्कूलों की व्यवस्था में सुधार हुआ है. बच्चों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. साथ ही विभाग को पता चला है कि हर कक्षा में कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो पढ़ाई में काफी कमजोर होते हैं. वे इस हद तक कमजोर होते है कि उन्हें साक्षर भी नहीं कहा जा सकता है. यही कारण है कि, ऐसे बच्चे मैट्रिक की परीक्षा पास नहीं कर पाते हैं और पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं. विभाग की ओर से ऐसे बच्चों को विशेष शिक्षा देने के लिए ‘Mission Daksh’ शुरू करने जा रही है, जो अब लगातार चलेगा.

यह भी पढ़ें: CTET & TET Exam

एक दिसंबर से नामांकन होगा प्रारंभ

हम आप सभी को बता दे कि, विभाग के मुताबिक, ‘Mission Daksh’ के तहत एक दिसंबर से कमजोर बच्चों का नामांकन शुरू होगा. कक्षा 3 से 8 तक के बच्चे नामांकित होंगे. करीब 25 लाख बच्चों को मिशन दक्ष के तहत पढ़ाने का लक्ष्य है. कमजोर बच्चों को 30 नवंबर तक चिन्हित किया जाएगा. Mission Daksh के लिए ऐसे बच्चों का चयन किया जाएगा, जो हिंदी के कुछ वाक्य लगातार पढ़ और लिख नहीं सकते हैं इसके अलावा गणित की मौलिक बातें भी नहीं आती हो. इन बच्चों के लिए प्राथमिक विद्यालय में तीन बजे के बाद विशेष कक्षाएं चलेगी. अधिकतम पांच छात्र पर एक शिक्षक रहेंगे.

Mission Daksh: टोला सेवक बच्चों को पढ़ाएंगे

हम आप सभी को बता देना चाहते हैं कि, टोला सेवक हर स्कूल से जुड़े हुए है. विभाग की सोच के मुताबिक, इन्हें भी पांच-पांच बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेवारी दी जाएगी. डीईओ को हर स्कूल से एक टोला सेवक को टैग करने का निर्देश मिला है. इन सबके आलावा डी.ईएल.ईडी/बी.एडी को भी बच्चों को एडॉप्ट कर पढ़ाने का जिम्मा दिया जा सकता है. बीआरसी/कमजोर बच्चों को सीआरसी को भी पढ़ाने होंगे. विभाग ने पढ़ाने का कोई समय अभी निर्धारित नहीं किया गया है. यह संबंधित शिक्षक पर ही छोड़ दिया गया है कि बच्चों को कितनी देर तक पढ़ाई का भार देना उचित रहेगा.

मार्च 24 में होनी है वार्षिक परीक्षा

हम आप सभी को बता देना चाहते हैं कि, विभाग ने कहा है कि वार्षिक परीक्षा मार्च 24 में होगी, जिसमें ये 25 लाख कमजोर श्रेणी के बच्चे भी शामिल होंगे. इस परीक्षा में सफलता और असफलता के लिए संबंधित स्कूलों के प्रधान और शिक्षक को जिम्मेदार माना जाएगा.

हम आप सभी को बता दे कि, खराब प्रदर्शन पर संबंधित प्रधान के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. जिनके पढ़ाए बच्चे फेल होंगे उन शिक्षकों पर भी कार्रवाई होगी, Mission Daksh के कार्यों की समीक्षा के लिए डीएम के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति भी बनेगी. समिति में डीडीसी और डीईओ शामिल होंगे.



Source link