बेटियों ने की रिश्ते को शर्मसार, 9 घंटे तक मुखाग्नि के लिए तरसता रहा माँ का शव : State


Mathura News : आजकल कोई ना कोई चौका देने वाली घटना होती रहती है. पर हाल ही में उत्तर प्रदेश के मथुरा से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे. मरने के बाद जहां आदमी सभी मोह माया से दूर हो जाता है, उस जगह अचानक ड्रामा शुरू हो गया. एक नहीं बल्कि 9 घंटे तक ड्रामा चला. मृतका को बेटियों ने तब तक मुखग्नि नहीं देने दी, जब तक संपत्ति का बंटवारा नहीं हो गया. इस खबर को सुनने वालों ने उन बेटियों को कोसता सुनाई दिया.

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आप सभी को बता दे कि, मसानी स्थित मोक्ष धाम पर सोमवार को मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया. जहां एक 85 वर्षीय महिला पुष्पा की वृद्धावस्था में मौत हो गई, पर बीच शमशान घाट पर ही उसकी तीनों बेटियों के जमीन के हक के लिए लड़ाई हो गई. जिस कारण महिला का अंतिम संस्कार नहीं हो सका और श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करने के लिए आए पंडित को 8 बार श्मशान घाट से लौटना पड़ा. श्मशान घाट पर 9 घंटे तक खूब ड्रामा हुआ. श्मशान घाट पर काम करने वाले लोग भी उनका ड्रामा देखकर परेशान हो गए.

बेटी का घर था ठिकाना

जानकारी के अनुसार, मृतका पुष्पा का पुत्र नहीं है, उसकी बस तीन बेटियां ही हैं. मिथिलेश, सुनीता और शशि जहां मृतका पुष्पा बीते कुछ दिनों से अपनी बड़ी बेटी मिथिलेश के घर थाना यमुनापार के गांव लोहवन में रहती थीं. आरोप है कि अपनी मां को मिथिलेश ने बातों में लेकर उसका लगभग डेढ़ बीघे खेत बेच दिया. सोमवार सुबह पुष्पा की मौत हो गई. जिसके बाद मिथिलेश के परिजनों ने मसानी स्थित मोक्ष धाम में पुष्पा के अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे.

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चिता पर रखा रहा शव

पुष्पा की मौत कई खबर जैसे ही अन्य दो बेटियों सुनीता और शशि को लगी तो वह भी मोक्षधाम पहुंच गईं. उन्होंने अपनी माता का अंतिम संस्कार रोक दिया. मिथिलेश से उसकी संपत्ति का बंटवारा करने के लिए लड़ने लग गईं. दोनों बहनें मां की बची हुई संपत्ति को बांटने की मांग करने लगी, तभी हम अंतिम संस्कार होने देंगे, लेकिन मिथिलेश इसके लिए राजी नहीं हुई और काफी देर तक ये ड्रामा चलता रहा. श्मशान घाट पर कार्य करने वाले लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी.

परिजनों को कोसते नजर आए लोग

मामले की सूचना मिलते ही कोतवाली थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. हालांकि पुलिस भी काफी देर तक समझाने में असफल रही, जिसके बाद शाम करीब 6 बजे तीनों बहनों के बीच एक लिखित समझौता हुआ. इसमें मृतका पुष्पा की बची हुई संपत्ति को छोटी बेटी शशि और सुनीता के नाम किया जाएगा.

इतना सारा ड्रामा होने के बाद आखिर में महिला का अंतिम संस्कार हुआ हम बता दें कि, करीब 9 घंटे तक वृद्धा का शव अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करता रहा. जहां ड्रामा को देख कर श्मशान घाट पर मौजूद लोग परिजनों को कोसते रहे और यह घंटो का ड्रामा आखिरकार शाम 6:00 बजे समाप्त हो गया.



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