Bihar Education Department: आए दिन फर्जी बारे की खबर सामने आती ही रहती है. हरजगह हर विभाग में कुछ ना कुछ फर्जी होता ही रहता है. बिहार में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर बड़ी संख्या में शिक्षक नियुक्त हैं. विभाग पूर्व में बहाल हुए शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों की जांच में लगा हुआ है. यह जांच अभी लंबी चल सकती है.
इस बीच, इतनी शक्ति होने के बावजूद BPSC के तहत बहाली में भी कुछ शिक्षक फर्जीवाड़ा करने से बाज नहीं आए. हालांकि इनपर कार्रवाई तय है. बिहार के कई जिलों में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नियुक्त शिक्षकों (BPSC Appointed Teachers) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
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कुछ शक्षकों को सेवा से मुक्त भी किए गए हैं. इसी तरह का एक ताजा मामला सुपौल से सामने आया है. वहां फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर बहाल चार शिक्षिकाओं के खिलाफ विभाग कार्रवाई के लिए कोई कदम उठाए जाते, इससे पहले ही वह स्कूल छोड़ कर भाग गई हैं.
Bihar Education Department: फर्जी सर्टिफिकेट पर कर रहीं थीं नौकरी
खुलासा हुआ तो पता चला कि, चारों शिक्षिकाएं दूसरे के STET, BTET और CTET के प्रमाण-पत्र पर नौकरी कर रहीं थी. आपको बता दें कि, सर्टिफिकेट जांच के दौरान जिले के 12 शिक्षक और शिक्षिकाओं का सर्टिफिकेट संदिग्ध पाया गया था. उन 12 शिक्षकों को इसकी जांच के लिए Bihar School Examination Board ने पटना बुलाया था.
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जांच के दौरान आठ शिक्षकों का प्रमाण-पत्र सही पाया गया है. बताया गया है कि, सुपौल जिले के 4215 शिक्षकों ने विशिष्ट शिक्षा का दर्जा पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. वहीं, किसी कारणवश 3889 शिक्षक फॉर्म नहीं भरे थे.
इन शिक्षिकाओं का सर्टिफिकेट फर्जी
आपको बता दें कि, जांचके दौरान जिन चार शिक्षिकाओं का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है, उनमें राघोपुर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय, गम्हरिया की शिक्षिका अनुराधा कुमारी, मरौना प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय, बेलही मुसहरी टोला की शिक्षिका रूबी कुमारी, निर्मली प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय, दुधैला की शिक्षिका गुंजन कुमारी और
किशनगंज प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय, महीपट्टी की शिक्षिका सुनीता कुमारी का नाम शामिल हैं. विभाग के बार-बार बुलाने पर भी चारों शिक्षिका जांच के लिए नहीं जा रही हैं. गैर करने वाली बात है कि, सूबे में एक ही सार्टिफिकेट पर शिक्षकों में से कई त्याग पत्र दे चुके हैं, तो कई नौकरी छोड़कर घर बैठे हैं.
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