New Order Regarding Mutation: आजकल बिहार के सीतामढ़ी समेत सभी जिलों में दाखिल खारिज एक समस्या बना हुआ है. लोगों को इस समस्या से निदान दिलाने के लिए सरकार के ओर से न जाने कितने कदम उठाए जा चुके हैं. फिर भी यह समस्या जैसे की तैसी बनी हुई है. दरअसल, इस समस्या के निदान के लिए माकूल कानून-नियम बना हुआ है,
पर सरकार द्वारा बनाए गए इस कानून का अनुपालन धरातल पर संभव नहीं हो पा रहा है. यही कारण है कि, संबंधित अधिकारियों की लापरवाह कार्यशैली के कारण सूबे के लाखों किसान दाखिल खारिज (Admission cancelled) के मामले को लेकर परेशान रहते हैं.
बिना रिश्वत नहीं होता काम!
गौरतलब है कि सूबे में किसी भी अंचल से आसानी से दाखिल खारिज (Admission cancelled) करा लेना आसान नहीं है.कोई भी कर्मचारी बिना रिश्वत लिए दाखिल खारिज करते ही नहीं हैं. विभाग भी इस बात को जानती है. यही कारण है कि, आमजन को रिश्वत से राहत दिलाने के लिए विभाग के ओर से कई कदम उठाए जा चुके हैं. फिर भी हालात में किसी प्रकार का कोई सुधार नहीं है और लोग आर्थिक शोषण के शिकार हो ही रहे हैं.
बिना पक्ष जाने आवेदन खारिज न करें
आपको बता दें, राजस्व विभाग (Revenue Department) के संज्ञान में यह बात सामने आई है कि राजस्व कर्मचारी (Revenue Staff) समेत अन्य कर्मचारी के द्वारा बिना किसी ठोस कारण के दाखिल-खारिज (Admission cancelled) के आवेदन को रद्द कर दिया जाता है. सूबे में रद्द किए गए आवेदनों की संख्या बड़ी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है.
इसे विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने गंभीरता से लेते हुए सभी प्रमंडलीय आयुक्त (Divisional Commissioner) और डीएम को पत्र लिखकर उनका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है. एसीएस ने लिखा है कि, दाखिल खारिज आवेदनों को अस्वीकृत करने से पहले आवेदक का पक्ष जरूर सुना जाए. उसके बाद ही रद्द करने के बिंदु पर निर्णय लिया जाए.
समीक्षा में यह बात आई सामने
8 मई को अपर मुख्य सचिव (Additional Chief Secretary) दीपक कुमार सिंह ने को डीएम और प्रमंडलीय आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि, दाखिल खारिज (New Order Regarding Mutation) आवेदनों की समीक्षा के क्रम में यह पता चला है कि, आवेदनों पर कर्मचारियों द्वारा किसी भी तरह की आपत्ति लगने पर बिना आवेदक का पक्ष सुने
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अंचल अधिकारी आवेदन को अस्वीकृत कर देते हैं. अगर एक बार दाखिल खारिज (Admission cancelled) का आवेदन अस्वीकृत होने पर आवेदक को डीसीएलआर के कोर्ट (Courts of DCLR) में अपील में जाना पड़ता है, जबकि कई बार तो कोई दस्तावेज छूट जाने के कारण भी आवेदन को रद्द कर दिया जाता है.
New Order Regarding Mutation: क्या है एसीएस का स्पष्ट निर्देश
आपको बता दें कि, एसीएस ने कहा है कि, न्याय के दृष्टिकोण से भी यह जरूरी है कि दाखिल खारिज (Admission cancelled) के आवेदन को अस्वीकृत करने से पहले संबंधित याचिकाकर्ता (Concerned Petitioner) को आपत्ति की सूचना देते हुए उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाए. सभी आयुक्त और डीएम को सभी सीओ एवं राजस्व पदाधिकारी को यह निर्देश देने को कहा गया है कि,
दाखिल खारिज (Admission cancelled) के आवेदन में कर्मचारी अथवा अन्य किसी तरह से मिले आपत्ति के आधार पर अस्वीकृत की स्थिति बनती है, तब अस्वीकृत करने से पहले याचिकाकर्ता को नोटिस देते हुए आपत्ति से अवगत कराएं. इसके साथ ही उन्हें अपना पक्ष और साक्ष्य देने का मौका दें.
अस्वीकृति का आदेश आवेदक को बिना सूचित किए और बिना सुनवाई किए नहीं दें. इसके साथ ही आदेश में इस सुनवाई के दौरान आवेदक के द्वारा दिए गए कागजात और साक्ष्य को दर्ज करें. इसके बाद ही अगर अस्वीकृत करना हो तब करें.
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