Swimsuit fashion show in Saudi Arabia: मॉडर्न बनने की रेस में सऊदी अरब ने ऐसे फैसले लेने शुरू कर दिए हैं कि, जिससे भारत समेत पश्चिमी देशों को भी चौंका दिया है. इस्लाम का गढ़ माने जाने वाला सऊदी अरब अपने इमेज को सुधारने के लिए कट्टरता और रूढ़िवादी सोच को खत्म कर रहा है.
इसी कड़ी में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी अरब में फैशन शो (Fashion Show) करवा दिया है. कोई सोच भी नहीं सकता है कि, सऊदी अरब में फैशन शो (Fashion Show in Saudi Arab) होगा. हम आपको बता दें कि, सऊदी अरब तेजी से अपनी सोच बदल रहा है
लेकिन कुछ ऐसे इस्लामिक देश हैं जो अपनी सोच को बदलना ही नहीं चाहते. सऊदी अरब में आयोजित फैशन शो में रैंप वॉक पर लड़कियों को चला देख कुछ इस्लामिक देश का कहना है कि, यह इस्लाम के खिलाफ है. कई इस्लामी देश सऊदी अरब के इस फैसले से नाराज़ है.
हम आपको बता देना चाहता हूं कि, शुक्रवार को पहली बार सऊदी अरब ने स्विमसूट मॉडलों के साथ एक फैशन शो आयोजित किया, जो मुस्लिम देश में एक अभूतपूर्व क्षण था, जहां एक दशक से भी कम समय पहले, महिलाओं को शरीर को ढकने वाले अबाया वस्त्र पहनने की आवश्यकता होती थी. आज वहां स्विमसूट मॉडलों के साथ फैशन शो आयोजन किया गया है. सऊदी अरब के लिए यह एक ऐतिहासिक घटना है.
हम आपको बता दें, यह शो सऊदी अरब के पश्चिमी तट पर स्थित सेंट रेजिस रेड सी रिज़ॉर्ट (The St. Regis Red Sea Resort) में उद्घाटन रेड सी फैशन वीक (Red Sea Fashion Week) के दूसरे दिन हुआ.
यह रिसॉर्ट रेड सी ग्लोबल (Resort Red Sea Global) का हिस्सा है, जो सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की देखरेख में सऊदी अरब के ही विज़न 2030 सामाजिक और आर्थिक सुधार कार्यक्रम के केंद्र में गीगा-परियोजनाओं में से एक है.
पूल साइड शो (Pool Side Show) में ज्यादातर लाल, बेज और नीले रंग के वन-पीस सूट शामिल थे. अधिकांश मॉडलों के कंधे खुले थे और कुछ के मध्य भाग आंशिक रूप से दिखाई दे रहे थे. मोरक्कन डिजाइनर यास्मीना क़ानज़ल ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया , “यह सच है कि यह देश बहुत रूढ़िवादी है
लेकिन हमने खूबसूरत स्विमसूट दिखाने की कोशिश की जो अरब दुनिया का प्रतिनिधित्व करते हैं.” उन्होंने आगे कहा, “जब हम यहां आए, तो हमने समझा कि, सऊदी अरब में स्विमसूट फैशन शो (Swimsuit fashion show in Saudi Arabia) एक ऐतिहासिक क्षण होने वाला है, क्योंकि पहली बार इस तरह का आयोजन हुआ है।” उन्होंने कहा कि, इसमें शामिल होना “सम्मान की बात” थी.
आपको बता दें कि, प्रिंस मोहम्मद, जो 2017 में सिंहासन के लिए पहली बार कतार में आए, और उन्होंने सऊदी अरब की वहाबीवाद के रूप में ज्ञात शुद्धतावादी रूप की ऐतिहासिक वकालत से उपजी सऊदी अरब की कठोर छवि को बदलने के लिए नाटकीय सामाजिक सुधारों की एक श्रृंखला शुरू की है.
उन बदलावों की श्रृंखला में पहला बदलाव लाठीधारी धार्मिक पुलिस को दरकिनार करना है, जो पुरुषों को प्रार्थना करने के लिए मॉल से बाहर निकालती थी, बंद हो चुके सिनेमाघरों को दोबारा शुरू करना और मिश्रित-लिंग संगीत समारोहों का आयोजन करना भी शामिल है. वे असहमति को निशाना बनाने वाले तीव्र दमन के साथ मेल खाते हैं, जिसमें रूढ़िवादी मौलवी भी शामिल हैं जो इस तरह के कदमों का विरोध कर सकते हैं.
आपको बता दें कि, शुक्रवार के शो (Swimsuit fashion show in Saudi Arabia) में भाग लेने वाले सीरियाई फैशन प्रभावकार शौक मोहम्मद ने कहा कि, दुनिया के लिए खुलने और अपने फैशन और पर्यटन क्षेत्रों को विकसित करने के सऊदी अरब के इस प्रयास को देखना आश्चर्य की बात नहीं थी. आधिकारिक सऊदी फैशन कमीशन द्वारा पिछले साल प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक,
2022 में फैशन उद्योग का योगदान 12.5 बिलियन डॉलर या राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद का 1.4 प्रतिशत था और इस क्षेत्र में 230,000 लोगों को रोजगार मिला था. “सऊदी अरब में पहली बार स्विमसूट फैशन शो (Swimsuit fashion show in Saudi Arabia) हुआ़ है, लेकिन क्यों नहीं? सचमुच क्यों नहीं?” मोहम्मद ने कहा. “यह संभव है और हमारे पास यह यहाँ है.”
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