K K Pathak New Order: आजकल आए दिन बिहार के शिक्षकों से जुड़ी ख़बरें आती ही रहती है. ऐसा ही एक खबर सामने आया है. इसके अनुसार बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा नियुक्त 10 शिक्षकों की नौकरी खतरे में है. इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और आगे उन्हें बर्खास्त करने की तैयारी भी चल रही है.
20 मई को औरंगाबाद जिला शिक्षा विभाग (Aurangabad District Education Department) के स्थापना डीपीओ दयाशंकर कुमार ने पत्र जारी कर 10 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है. आपको बता दें ये सभी शिक्षक बिहार से बाहर के हैं. हम आपको बता दें कि, जिला शिक्षा विभाग ने जिन 10 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है
उनमें छठी से आठवीं तक पढ़ाने वाली हिंदी शिक्षिका सरिता देवी, संस्कृत की सुमन पटेल, अंग्रेजी की शिक्षिका ऋचा कुमारी, शिवकुमार यादव, सामाजिक विज्ञान की अंग्रेजी शिक्षिका आराधना कुमारी, मुकेश कुमार गौतम, गणित विज्ञान की कविता शर्मा, सामाजिक विज्ञान की रीना यादव और गणित विज्ञान की अंजना कुमारी गौतम का नाम शामिल हैं.
मांगे गए स्पष्टीकरण के संबंध में जारी पत्र में कहा गया है कि, उक्त शिक्षकों की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) के विज्ञापन के आलोक में की गई है, पर उनके द्वारा दिए गए शैक्षणिक एवं पूर्व शैक्षणिक प्रमाण पत्रों (Previous Academic Certificates) की जांच से यह साफ होता है कि, उनकी योग्यता विद्यालय शिक्षक के लिए उपयुक्त नहीं है.
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आपको बता दें, 16 फरवरी 2024 को शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teacher Eligibility Test) में मिलें अंक 60 प्रतिशत से कम होने पर नियुक्ति के लिए अर्ह नहीं होने की स्थिति में शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया था. पत्र में कहा गया है कि, किसी भी तरह के आरक्षण का लाभ केवल बिहार के निवासियों को ही मिलना है.
पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के द्वारा जारी न्यायिक निर्णय के बाद बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) द्वारा जारी किए दिशा-निर्देश एवं विज्ञप्ति के आलोक में बिहार माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने पत्रांक 1341, दिनांक 15 मई 2024 द्वारा स्पष्ट किया है कि,
बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teacher Eligibility Test) में उत्तीर्ण अंक (Pass Mark’s) में पांच प्रतिशत की छूट नहीं दी जा सकती है. इस आदेश के आलोक में जिन शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा में मिलें अंक 60 प्रतिशत से कम होंगे उनकी उम्मीदवारी रद्द करने लायक है.
इन तीन शिक्षकों से दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है कि क्यों न उनकी बहाली रद्द करते हुए उनका औपबंधिक नियुक्ति पत्र रद्द कर दिया जाए. तय किए गए समय के अन्दर जवाब नहीं मिलने पर यह माना जाएगा कि, उन्हें कुछ नहीं कहना है और विभाग के द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी.
आपको बता दें कि, स्थापना डीपीओ ने बताया कि, उक्त शिक्षकों को मिलने वाली पांच प्रतिशत की छूट उन्हें अब नहीं दी जा सकती है. ऐसे में उक्त शिक्षकों (K K Pathak New Order) से स्पष्टीकरण (Explanation) मांगा गया है. अब तक सात से आठ शिक्षकों के जवाब मिले हैं. ऐसे में उक्त शिक्षकों को बर्खास्त किया जाएगा.
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