Bihar Land Registry : बिहार में आज से बिना दाखिल खारिज भी होगी रजिस्ट्री, नई नियमावली पर रोक


Bihar Land Registry Rules Update: यदि आप बिहार के रहने वाले है और अपनी जमीन की रजिस्ट्री (Bihar Jamin Registry) कराने के बारे में सोच रहे है तो आपके लिए जरूरी खबर है. क्योंकि हाल ही में बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नई नियमावली पर रोक लगा दिया. यहां तक कि सरकार (Government) की ओर से जमीन रजिस्ट्री को लेकर कई अप्डेट्स सामने आ रही है जिसके बारे में आपको बताएंगे.

बता दें कि, बिहार में पटना हाईकोर्ट द्वारा फरवरी माह में लागू की गई जमीन रजिस्ट्री के नियम पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में अब बिहार में दाखिल खारिज के बिना ही जमीन की रजिस्ट्री कराई जाएगी. वही, इस मामले पर अगली सुनवाई सितंबर माह में होने वाली है. जानकारी दें कि, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पटना हाई कोर्ट द्वारा जारी किया गया उस नए आदेश पर प्रतिबंध लगाया है, जिसमें यह बताया गया था कि बिना जमाबंदी हुए होल्डिंग की जमीन खरीद-बिक्री नहीं की जाएगी.

बता दें कि, जस्टिस एस. नरसिंह और जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने दायर एसएलपी सिविल पर सुनवाई करते हुए कहा कि विस्तृत सुनवाई हेतु अगली तारीख सितंबर 2024 में तय की जाती है। वही, याचिकाकर्ता के तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा, अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्रा व मंजिल द्विवेदी ने कोर्ट से कहा कि बिहार सरकार (Bihar Govt.) ने 10 अक्टूबर 2019 को बिहार निबंधन नियमावली के नियम 19 में संशोधन कर इसमें नया नियम जोड़ा था.

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जिसके पश्चात से बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री और दान तभी संभव हो सकता है जब दानकर्ता यह जमीन लेने वाला के नाम से जमाबंदी और होल्डिंग का लिखित कागज या सबूत हो. जिसके बाद से ही बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री पर अधिक गिरावट देखी गई है और अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विस्तृत सुनवाई हेतु अगली तारीख सितंबर 2024 तय की है.

बता दें कि, पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन और न्यायाधीश राजीव राय की खंडपीठ ने वर्ष 2018 में निबंधन नियमावली में किए गए संशोधन को कानूनी तौर पर सही ठहराया था, जिसके अंतर्गत जमीन को बेचने या दान करने की स्थिति में निबंधन तभी मान्य किया जाएगा जब बेचने वाले या दानकर्ता व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी या होल्डिंग का कोई लिखित कागज या सबूत होगा.

बिहार में इस नई नियम के पश्चात से जमाबंदी की अनिवार्यता का प्रभाव निबंधन के राजस्व पर देखा जा रहा था, जहां जमीन विवाद कम करने और फर्जी निबंधन पर अंकुश लगाने के मकसद से वर्ष 21 फरवरी को जमाबंदी की अनिवार्यता को बिहार लागू कर दिया गया था। इसके पश्चात पूरे बिहार में 60 से 70% निबंधनों की संख्या घट गई थी.

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