Income Tax Return Filing: आईटीआर फाइल करते समय इन गलतियों से बचें, नहीं तो आएगा नोटिस


Mistakes to Avoid Furing Income Tax Return Filing : इन दिनों इनकम टैक्स फाइल करने का टाइम चल रहा है और सभी टैक्सपेयर्स के पास 31 जुलाई से पहले इसे फाइल करने का मौका है और देर से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (File Income Tax Return) करने वालों को 5000 रुपये की पेनल्टी देनी पड़ेगी. इस बार भी ऐसे लाखों टैक्सपेयर्स हैं, जो पहली बार आईटीआर फाइल करने जा रहे हैं. ऐसे में कई लोग बिना सही जानकारी के आईटीआर फाइल कर देते हैं जिसके बाद उन्हें इनकम टैक्स नोटिस का सामना करना पड़ता है.

अगर आपको भी आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करना एक मुश्किल काम लगता है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि थोड़ी तैयारी करें तो आप इस प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं. आज हम आप सभी को अपने इस लेख में उन बातों की जानकारी देंगे, जिन्हें ध्यान में रखने पर आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना (Income Tax Return Filing) काफी सरल हो जाएगा। साथ ही आप रिटर्न फाइल (Return File) करते समय होने वाली आम गलतियों से भी बच पाएंगे।

फॉर्म 16 और फॉर्म 26AS में दी गई जानकारी को वेरिफाई करें

हम आपको बता दें कि, आयकर रिटर्न भरने (Income Tax Return Filing) की प्रॉसेस शुरू करने से पहले, आपको आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल (incometax.gov.in) पर लॉगिन करके फॉर्म 26AS और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) डाउनलोड करना होगा. इसके बाद आप यह चेक करें कि, इस फॉर्म में दिए गए विवरण आपके फॉर्म 16 और अन्य वित्तीय रिकॉर्ड से मिलता हैं. अगर इनमें किसी तरह का मिस-मैच हुई तो आपको आयकर विभाग (Income Tax Department) से नोटिस मिल सकता है.

Income Tax Return Filing: सही ITR फॉर्म चुनकर पूरा डिस्क्लोजर दें

अगर आपने गलत ITR फॉर्म का उपयोग किया तो यह आपके लिए दिक्कत की वजह बन सकता है. फॉर्म सही नहीं हुआ तो आप कई जरूरी जानकारियां नहीं दे पाएंगे, ऐसा में आपको पूरी जानकारी नहीं देने के आरोप में नोटिस मिल सकता है. AIS और फॉर्म 26AS आपके सभी लेन-देन को ट्रैक करते हैं,

इसलिए शेयरों या म्यूचुअल फंड की बिक्री से होने वाली किसी भी अघोषित आय पर ध्यान दिया जाएगा. इसलिए अगर आपने पिछले वित्त वर्ष के दौरान पूंजीगत लाभ कमाया है, लेकिन आप ITR-2 की जगह ITR-1 के साथ फाइल कर देते हैं, तो आपको परेशानी काहो सकतीं है. हर हाल में यह पक्का कर लें कि आपने अपनी वित्तीय स्थिति के हिसाब से सही फॉर्म चुना है.

डिडक्शन का क्लेम सही ढंग से करें

हम आपको बता दें कि, ऐसे किसी भी डिडक्शन के लिए क्लेम करने से बचना चाहिए, जिसके लिए आप एलिजिबल नहीं हैं. संदिग्ध क्लेम का पता लगाने के लिए आयकर विभाग (Income tax department) आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करता है. इसलिए गलत ढंग से किया गया क्लेम के कारण आपको नोटिस मिल सकता है और जुर्माना भी देना पर सकता है.

डिडक्शन के दस्तावेजों को संभालकर रखें

हम आपको बता दें कि, आपने जो भी डिडक्शन क्लेम किए हैं, उनसे जुड़े जरूरी दस्तावेजों को संभालकर रखें. खास तौर पर अगर आपने ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) चुना है, तो ऐसा करना और भी जरूरी है. फॉर्म 16 और आपके ITR में किसी भी तथ्य के बेमेल होने पर आपको नोटिस मिल सकता है और ऐसा होने पर अपने क्लेम के वेरिफिकेशन के लिए आपको इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी.

पिछले एंप्लॉयर से मिले वेतन का खुलासा करें

अगर आपने पिछले वित्त वर्ष के बीच में अपनी नौकरी बदली है, तो आपके पास दो फॉर्म 16 होने चाहिए. किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए दोनों एंप्लॉयर से मिले वेतन की जानकारी ITR (Income Tax Return Filing) में दें और कैलकुलेशन के बाद अगर कोई टैक्स देनदारी बनती हो, तो उसे जमा करें. ऐसा नहीं करने पर आयकर विभाग आपको नोटिस दे सकता है.

विदेशी संपत्तियां हों तो उनका खुलासा करें

अगर आपने विदेश में काम किया है और आपके पास विदेशी बैंक खाते, शेयर या फिर अन्य संपत्तियां हैं, तो इन्हें अपने ITR (Income Tax Return Filing) और शेड्यूल FA में जरूर बताएं. अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपको 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है और ब्लैक मनी एक्ट के तहत आप के उपर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है.

Income Tax Return Filing: समय रहते फाइल कर दें रिटर्न

आप आयकर रिटर्न (Income Tax Return Filing) भरने के लिए आखिरी समय की भागदौड़ से बचें. अगर आप यह प्रक्रिया डेडलाइन से कुछ दिनों पहले शुरू कर देंगे, तो अचानक किसी दस्तावेज की कमी पड़ने या आखिरी वक्त में आयकर विभाग की वेबसाइट के क्रैश होने जैसी समस्याओं बच सकते हैं. अगर आखिरी वक्त में कोई परेशानी हुई तो आप 31 जुलाई की डेडलाइन से चूक सकते हैं, जिस कारण लेट फीस समेत कई दिक्कतें आ सकती हैं.

रिटर्न भरने के बाद ई-वेरिफिकेशन करना न भूलें

ITR (Income Tax Return Filing) करने के बाद टैक्सपेयर को उसका ई-वेरिफिकेशन (E-Verification) भी करना होता है. इसके लिए आप अपने आधार, प्री-वैलिडेटेड बैंक अकाउंट या डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं. ई-वेरिफिकेशन का काम 30 दिनों में पूरा करना जरूरी होता है. आप यह काम जितनी जल्दी पूरा करेंगे आपका रिफंड उतनी ही जल्दी जेनरेट होगा.

Income Tax Return Filing: ऐसे करें ITR ई-वेरिफिकेशन

  • ITR (Income Tax Return Filing) का ई-वेरिफिकेशन करने हेतु आपके पास आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर होना जरूरी है.
  • सबसे पहले आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP प्राप्त करें.
  • इसके बाद ई-फाइलिंग पर OTP दर्ज करें.

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