Mata Katyayani : Religion


Mata Katyayani: अभी नवरात्रि का पावन व्रत चल रहा है. जो पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है माता के भक्तों के लिए नवरात्रि काफी खास होता है नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान माता रानी के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. आज नवरात्रि का छठा दिन है और इस दिन मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) की पूजा होती है मां कात्यायनी मां दुर्गा की छठी विभूति हैं.

________________________
Latest Govt. Job की जानकारी चाहिए तो बिना देरी किये Whatsapp Group जॉइन करें

शास्त्रों के अनुसार जो भक्त दुर्गा मां की छठी विभूति कात्यायनी (Mata Katyayani) की आराधना करते हैं माता की कृपा उन पर बनी रहती है. कात्यायनी माता (Mata Katyayani) का व्रत और उनकी पूजा करने से कुंवारी कन्याओं के विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है, साथ ही वैवाहिक जीवन में भी खुशियां आती हैं.

हम आप सभी भक्तों को बता दे कि, मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) की साधना का समय गोधूली काल का होता है. मां कात्यायनी देवी की समय में धूप, दीप, गुग्गुल से मां की पूजा करने से सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं. अगर भक्त मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) को 5 तरह की मिठाइयों का भोग लगाकर कुंवारी कन्याओं में इस प्रसाद को बांटते हैं तो मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) उनकी आय में आने वाली बाधा को दूर करती हैं और व्यक्ति अपनी मेहनत और योग्यता के अनुसार धन अर्जित कर पाता है.

हम आप सभी को बता दे कि, मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) का चि‍त्र या यंत्र रखकर रक्तपुष्प से पूजन करें. अगर चित्र में यंत्र न हो तो देवी माता दुर्गाजी का चित्र रखकर निम्न मंत्र की 51 माला नित्य जपें, आप की सभी मनोवांछित की प्राप्ति होगी. साथ ही ऐश्वर्य प्राप्ति होगी.

मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) की कैसे करें पूजन-

  • गोधूली वेला के समय पीले अथवा लाल वस्त्र धारण करके मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) की पूजा करनी चाहिए.
  • इनको पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें.
  • मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) के समक्ष दीपक जलाएं.
  • इसके बाद माता को 3 गांठ हल्दी की भी चढ़ाएं.
  • हल्दी की गांठों को अपने पास सुरक्षित रख लें.
  • अब मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) को शहद अर्पित करें.
  • अगर ये शहद चांदी के या मिट्‍टी के पात्र में अर्पित करना ज्यादा उत्तम होता है. इससे प्रभाव बढ़ेगा तथा आकर्षण क्षमता में वृद्धि होगी.
  • मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) को सुगंधित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनेंगे साथ ही प्रेम संबंधी बाधाएं भी दूर होंगी.
  • इसके बाद मां के समक्ष उनके मंत्रों का जाप करें.

मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) मंत्र-

ॐ ह्रीं नम:।।’

चन्द्रहासोज्जवलकराशाईलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।

मंत्र- ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

‘कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।’

मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) आरती :

जय जय अंबे जय कात्यायनी

जय जय अंबे जय कात्यायनी।
जय जगमाता जग की महारानी ।।

बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा ।।

कई नाम हैं कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।।

हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।।

हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।
कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की ।।

झूठे मोह से छुड़ानेवाली।
अपना नाम जपानेवाली।।

बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो।।

हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी ।।
जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।

देवी का भोग-

हम आप सभी भक्तों को बता दे कि, मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) की प्रसन्नता के लिए शहद युक्त पान अर्पित करना चाहिए. या शहद का अलग से भोग भी लगा सकते हैं.

सारांश

हम आज के अपने इस लेख के माध्यम से आप सभी माता रानी के भक्तों को मां कात्यायनी देवी (Mata Katyayani) की पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती से जुड़ी संपूर्ण जानकारी दी है. ताकि आप सभी मां कात्यायनी देवी की पूजा विधि की जानकारी पाकर इसका पूरा-पूरा लाभ प्राप्त कर सके. हम यह दावा बिल्कुल भी नहीं करते कि, हमारे द्वारा दि गई जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी हेतु संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.



Source link