Modern GCMC Machine: जब से बिहार में शराबबंदी हुई है तब से ही दारु की ऑनलाइन डिलीवरी (Online Liquor Delivery) का ट्रेंड चल पड़ा है. इस कारण जहरीली और नकली शराब की बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है. दलाल लोगों तक बड़े ही आसानी से शराब को पहुंचा रहे हैं. पीने वालों को पकड़ाने का डर होता है यही कारण है कि वे डिलीवरी ब्वॉय से ज्यादा सावाल भी नहीं कर पाते.
पुलिस और उत्पाद विभाग (Product Department) की टीमें लगातार कार्रवाई करके शराब जब्त कर रही है. जब्ती की गई अगला शराब असली है या फिर नकली इसकी रिपोर्ट के लिए पुलिस को तीन-चार दिनों का इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में अगर शराब नकली हो तो, पीने वालों की जान का खतरा रहता है. बिहार में बीते कुछ सालों में जहरीला शराब से सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं. अब सरकार ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है.
हम आपको बता दें कि, बिहार में जहरीली शराब से जुड़े मामलों में अब तुरंत रिपोर्ट मिल जाएगी. अब पुलिस को रिपोर्ट के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इसकी जांच घटना स्थल से बरामद खाली बोतलें या किसी पात्र में पकड़ी गई शराब की एक बूंद से भी पूरी तरह से हो जाएगी कि,
शराब जहरीली थी या नक़ली नहीं. इसके लिए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग (Department of Liquor Prohibition) ने एक खास मशीन जापान से मंगवाई है,। जिसका नाम जीसीएमसी (Gas Chromatography Mass Spectrometry) है.
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हम आपको बता दें कि, करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से बनी यह मशीन शराब की शुद्धता मापने वाली अब तक की सबसे शानदार मशीनों में से एक है. इसमें शराब ही नहीं किसी भी मादक पदार्थ, जैसे चरस, गांजा, अफीम समेत अन्य किसी भी
तरह के पदार्थ की जांच की जा सकती है. इसकी खास बात यह है कि इसकी रिपोर्ट भी कुछ घंटे में मिल जाती है. आपको बता दें इस मशीन को इसे विभाग के पटना के कुम्हरार स्थित विशेष लैब में रखा गया है. किसी स्थान से सैंपल लाकर यहां जांच की जा सकती है.
हम आपको बता दें कि, अलकुलाइजर- ऑस्ट्रिया में बनी इस मशीन की कीमत 55 लाख रुपये बताई जा रही है. इसका उपयोग विभाग द्वारा पकड़ी जाने वाली अवैध शराब की खेप की क्वालिटी की जांच में किया जाएगा. यूवी स्पेक्ट्रोस्कॉपी- (UV Spectroscopy)
देश में बनी 20 लाख रुपये की यह मशीन मुख्य रूप से एथेनॉल में विकारक की जांच करने के लिए बनाई गई है. नियमानुसार, एथेनॉल का ट्रांसपोर्टेशन करने से पहले इसमें मानक के अनुरूप विकारक मिलाए जाते हैं, जिससे यह सेवन योग्य नहीं रहती है.
अब तक किसी भी जांच मशीनों में शराब की शुद्धता मापने के लिए 180 मिलीलीटर शराब की आवश्यकता होती थी. कुछ तरीकों में कम से कम 25 मिलीलीटर शराब होनी ही चाहिए होती थी. लेकिन इस आधुनिक जीसीएमसी मशीन (Modern GCMC Machine) में जांच के लिए शराब की एक बूंद काफी होगी.
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