Tips For Building a Healthy Relationship: कई बार लोग अपने रिलेशनशिप को लेकर काफी चिंतित रहते है. ऐसे में वे Tips For Building a Healthy Relationship की तलाश में रहते है. अगर आप अपने रिलेशनशिप को लंबी अवधि के लिए या अपने रिलेशनशिप को और भी मजबूत बनाना चाहते है तो, आज का हमारा यह लेख आप सभी के लिए फायदेमंद साबित होगा. क्योंकि आज हम आप सभी को Tips For Building a Healthy Relationship के बारे में बताने वाले है.
यदि आप साइकोलॉजिकल रिसर्च की मानें तो, आप अपनी रिश्ते की गाड़ी को महिलाओं के हाथ मे सौप देतें है तो यह आप दोनों के भविष्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. इसपर कई एक्सपर्ट ने कुछ तर्क भी दिए है. जिसको आज हम इस लेख में बतायेंगे. सबसे पहले तो ब्रिटेन की प्रथम महिला प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर ने एक बार कहा था कि
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“यदि आप कुछ सिर्फ कहना-सुनना चाहते हैं तो पुरुषों से मिलें और अगर चाहते हैं कि काम पूरा हो तो आप एक महिलाओं के पास जाइए.” वही, मार्गरेट थैचर की कही बात बताते है. उनके मुताबिक, कम से कम रिश्ते बनाने और निभाने के मामले में लगभग महिलाओं की बात सही साबित होती हैं. साथ ही साथ ऐसा कई साइकोलॉजिकल रिसर्च में भी साबित हो चुका है.
हम आप सभी को बता दें कि, ‘साइकोलॉजी टुडे’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिन रिश्तों में महिलाएं ड्राइविंग सीट पर होती हैं, उनके लंबा टिकने की संभावना अधिक बढ़ जाती हैं. वही, कहा जाता है कि, यह पूरी दुनिया रिश्तों का तानाबाना है और इस तानेबाने की सबसे अहम डोर महिलाओं के हाथ में होती है.
इसी बात को समझने के लिए, जाने-माने अमेरिकी एक्टर और राइटर ग्रुशो मार्क्स ने कहा था कि, पुरुष अपने भाग्य के निर्माता नहीं होते, उनके जीवन में आने वाली महिला इस जिम्मेदारी को निभाती है. इसलिए आज हम अपने इस लेख में ‘Tips For Building a Healthy Relationship’ कॉलम में रिश्ते में महिलाओं की भूमिका और रिश्ते से उनकी उम्मीदों के बारे में विस्तार में बात करेंगे.
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रिश्ते में चाहते हैं गहराई तो महिलाओं की शरण में जाएं – Tips For Healthy Relationship
हम आप सभी को बता दें कि, पूरी दुनिया के रिलेशनशिप काउंसलर और कोच में एक धारणा है कि किसी भी रिश्ते में दो भूमिकाएं हो सकती हैं. रिश्ते (Relationship) में कोई एक पार्टनर एक्टिव तो दूसरा पैसिव पोजिशन में होता ही है. जिसमें एक्टिव भूमिका निभाने वाला पार्टनर रिश्ते के वर्तमान और भविष्य को अधिक प्रभावित करता है.
ऐसे में हम पारंपरिक रूप देखते आ रहें है कि, सोसाइटी में सभी अहम फैसले पुरुष ही करते रहे हैं. ऐसे में अक्सर रिश्तों में पुरुष साथी ही एक्टिव पोजिशन में मौजूद होते हैं. लेकिन, रिसर्च बताती है कि यदि रिश्ते को आगे ले जाना है, लड़ाई-झगड़ा और तनाव को कम करना है तो महिलाओं को एक्टिव भूमिका में लाना जरूरी होता है.
पुरुषों की मनोवैज्ञानिक कमियों को पूरा कर सकती हैं महिलाएं – Tips For Healthy Relationship
मनोवैज्ञानिक जेपी शर्मा के मुताबिक, पुरुषों के स्वभाव में उग्रता, उच्छृंखलता, उतावलापन और पलायनवाद अधिक होता है. वहीं स्त्रियों में धीरज, सहजता, सहनशीलता, सौंदर्य, प्रेम, जुझारूपन और विनम्रता अधिक पाई जाती है.
ऐसे में कई बार पुरुषों की कामुक प्रवृत्ति भी विवेकहीन व तर्कहीन सीमा तक पहुँच जाती है. लेकिन, महिलाएं इस मामले में अधिक संवेदनशील और मैच्योर होती हैं. वह, प्रकृति ने मनोवैज्ञानिक रूप से स्त्री और पुरुष दोनों को थोड़ा-थोड़ा अपूर्ण रखा है. देखा जाएं तो, दोनों एक-दूसरे के संगत में, एक-दूसरे से सीखकर पूर्णता की ओर बढ़ा जा सकता हैं.
यदि आप रिश्ते के परिप्रेक्ष्य की ओर नज़र डालें तो, आपको कई ऐसी चीजें नज़र आएगीं, जिसमें महिलाओं का मनोविज्ञान बेहतर काम करता दिखा होगा. ऐसी स्थिति में वे पुरुषों की कमियों को भरते हुए रिश्ते को एक टीम का रूप प्रदान करती हैं.
इन सब को जानकर आपके मन मे एक सवाल अवश्य आया होगा कि, अगर रिश्ता महिलाएं निभाएंगी तो पुरुष फिर क्या करें?
इसका जवाब ढूंढने का प्रयास अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी में की गई है. जिसमें रिसर्चर्स ने 18 से 72 साल की 1000 महिलाओं पर स्टडी करके यह जानने का प्रयास किया कि रिश्ते से महिलाओं को क्या उम्मीदें होती हैं और किन कवायदों से महिलाओं को खुश रखा जाना संभव है.
प्रेम में महिलाएं कुछ बातों को छिपा प्यार को जिंदा रखती हैं – Tips For Healthy Relationship
सबसे पहले तो महिलाओं के बारे में अक्सर पुरुषों की एक आम धारणा और शिकायत रहती है कि वे अपनी सारी बातें नहीं बतातीं है और उनके ‘कान’ गहरे होते हैं. लेकिन रिसर्च के मुताबिक, महिलाओं की यह गहराई रिश्ते को बचाए रखने में मदद करती है। इस बारे में जानेमाने हिंदी साहित्यकार निर्मल वर्मा ने लिखा है जिसे हम आपको बताते है-
“प्रेम करने का अर्थ अपने को खोलना ही नहीं है, बहुत-कुछ अपने को छिपाना भी होता है जिससे दूसरे को हम अपने निजी खतरों से मुक्त रख सकें… प्रत्येक स्त्री इस बात को समझती है और चूंकि वह पुरुष से कहीं अधिक प्रेम करने की क्षमता रखती है.”
स्त्री-पुरुष के संबंधों का समाजशास्त्र और जेंडर की दीवार को जानें
सोशियोलॉजिस्ट डॉ. मोहन सिंह के मुताबिक, बच्चे की पहली दोस्त उसकी मां होती हैं. बड़े होते हुए बहनों की संगत मिलती है. परन्तु, जैसे-जैसे वह जवानी की दहलीज की ओर बढ़ना शुरू करता है, उसकी जिंदगी से महिला दोस्तों की संख्या कम होने लगती है.
बड़े होते लड़के और लड़कियों के बीच जेंडर की एक ऊंची दीवार खिंच जाती है. उनके मन में पहले ही,एक-दूसरे के जेंडर के प्रति तमाम कुंठाएं भी घर करती हैं. कुछ लड़के अपनी मां-बहन के अलावा बाकी तमाम महिलाओं को सेक्शुलाइज नजर से देखने लगते हैं. दूसरी ओर, कुछ लड़कियों के मन में अपने पिता-भाई के अलावा तमाम लड़कों की छवि सड़क पर घूमते खुंखार दरिंदे की तरफ हो जाती है.
इसमें अब दो लोग जो दोस्त या सहयोगी भी बन सकते थे, जेंडर की दीवार के दोनों ओर खड़े होकर एक-दूसरे को ताउम्र दुश्मन मानने के लिए अभिशप्त बना देता है. फिर वही स्त्री-पुरुष असमानता की हकीकत और महिला सशक्तिकरण की ‘कवायद’ होते है.
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सारांश
आज के इस लेख में आप सभी को Tips For Building a Healthy Relationship के बारे मे बताई गई है. जिसमें ये समझाने का प्रयास किया गया है कि, रिलेशनशिप को लंबी वक्त तक और मजबूत बनाना के लिए क्या करना चाहिए. अतः हमे उम्मीद हैं की आपको हमारा आज का यह लेख “Relationship Advice” बेहद पसंद आया होगा. हमे उम्मीद हैं कि इस लेख को आप सभी अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे.