Relationship Quality: रिसर्च में दावा- इन कोशिशों से बनते हैं सबसे मजबूत…..: Life Style


Relationship Quality: आपने कभी ना कभी यह तो सुना ही होगा कि, रिश्ते आसमान में बनते हैं. आशिक रब से परफेक्ट जीनवसाथी दिलाले की दुआएं भी मांगते हैं. लेकिन यह सोच अब पुरानी हो चुकी है और ज्यादा कारगर भी नहीं. कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ अलबर्टा की रिसर्च के अनुसार परफेक्ट पार्टनर या सोलमेट जैसी चीजें ख्याली पुलाव हो सकती हैं. अपनी ओर से कोशिश करके, सामान्य पार्टनर को परफेक्ट मैच में बदला जा सकता है.

आसान भाषा में कहा जाएं तो इस रिसर्च का मतलब यह है कि, जोड़ियां आसमान से नहीं बन कर आती. अगर दो पार्टनर्स ठान लें तो खुद से परफेक्ट मैच मेकिंग कर सकते हैं. University of Alberta के रिसर्चर्स अपने मैच को परफेक्ट बनाने के लिए 5 स्टेप्स भी सुझाते हैं. जो कुछ इस तरह से हैं-

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Relationship Quality: परफेक्ट मैच-मेकिंग के लिए किस्मत के भरोसे न रहें

हम आप सभी को बता दे कि, इस रिसर्च के लिए University of Alberta के शोधकर्ताओं ने 600 जोड़ों के उपर कुछ समय तक उनके रिश्ते में आए उतार-चढ़ाव संबंधी आंकड़े जुटाए. नतीजों के आधार पर इन जोड़ों को दो भागों में बांटा गया. एक ओर ऐसे जोड़े थे, जिसके रिश्ते (Relationship Quality) में सब कुछ सही चल रहा था और दोनों पार्टनर्स अपने रिश्ते से संतुष्ट थे.

दूसरी ओर, ऐसे जोड़े थे, जिसका रिश्ता तनाव और आपसी कलह से गुजर रहा था. उनके रिश्ते में सेटिस्फेक्शन की कमी देखी जा रही थी. रिसर्चर्स ने इन दोनों समूहों को हाई क्वालिटी और लो क्वालिटी रिलेशनशिप में बांटा.

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दोनों समूहों के जोड़े की आदतों की परख करने पर पाया गया कि, जिन कपल्स का रिश्ता हाई क्वालिटी वाली कैटेगरी में था, उन्होंने इसके लिए अपनी ओर से कोशिशें की थी. उनका रिश्ता हमेशा अच्छी स्थिति में नहीं थी. यानी पहले उनके बीच सोलमेट या परफेक्ट पार्टनर जैसा कुछ नहीं था. दोनों पार्टनर्स ने आपसी कोशिशों से अपने रिश्ते को परफेक्ट बनाया था.

पार्टनर को सुधारने की कोशिश न करें, खुद में लाएं बदलाव

आपको बता दें कि, रिसर्च के आधार पर एक्सपर्ट की बनाने तो Relationship Quality को सुधारने के लिए खुद से कोशिशें करनी पड़ेंगी। इसके लिए क्या कुछ करना होगा, इस बारे में भी रिसर्चर एडम गैलोवन ने 5 स्टेप्स बताए हैं.

अगर आप भी इन स्टेप्स को फॉलो करना चाहते हैं तो इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि, आपको बदलाव खुद में लाना है, पार्टनर को सुधारने या पैरेंटिंग की कोशिश करने से रिश्ते खतरनाक स्थिति में पहुंच सकती है. एडम गैलोवन के 5 उपाय खुद के बारे में हैं.

कई बार पार्टनर्स एक-दूसरे की कमियों को सुधारने की कोशिश करते हैं. अपनी शर्तों और पैमानों के अनुसार वो पार्टनर को ढालना चाहते हैं. मनोविज्ञान की भाषा में इसे पेरेंटिफिकेशन कहा जाता हैं. यानी रोमांटिक रिश्तों में एक पार्टनर का बच्चा बन जाना और दूसरे पार्टनर का पेरेंट. ऐसी आदतें रिश्ते को नुकसान पहुंचा सकती हैं.

Relationship Quality: 5 स्टेप्स फॉलो करने के दौरान आए गुस्सा तो जाहिर करें, गुबार न भरने दें

अपने रिश्ते को परफेक्ट बनाने की कोशिश में अगर टकराव हो रहा हो या किसी बात पर पार्टनर से असहमति हो तो क्या करें. यूनिवर्सिटी ऑफ अलबर्टा के शोधकर्ता इसका भी जवाब देते हैं.

रिश्ते में उतार-चढ़ाव न आए, कभी टकराव की नौबत न आए, आमतौर पर ऐसा हो नहीं पाता है. जानकारों की राय है कि, हेल्दी कॉन्फ्लिक्ट से रिश्ते को नुकसान नहीं होता. कई मायनों में यह रिश्ते के लिए जरूरी भी होता है.

आपको बता दें जॉर्डन डैन अपने 7 ग्रीन फ्लैग में गुस्से को भी हेल्दी तरीके से जाहिर करने के लिए जरूरी बताते हैं. लेकिन कई पार्टनर्स मुखरता करने के बजाय चुप रहना ज्यादा पसंद करते हैं.

ऐसी स्थिति में किसी एक पार्टनर के मन में गुबार भरने लगता है। कुछ समय बाद उन्हें एहसास होता है कि, इस रिश्ते के लिए उन्होंने जरूरत से ज्यादा समझौता किया है. फिर वे अचानक फट पड़ते हैं. यह स्थिति रिश्ते के लिए खतरनाक होती है. इस स्थिति में किसी भी तरह के समझौते की गुंजाइश खत्म-सी हो जाती है.

इसलिए एक्सपर्ट की राय है कि, बहस या टकराव को दबाने से अच्छा है कि अपने पार्टनर से खुल कर बात कर और समस्या जानने की कोशिश करें अगर बहसबाजी हो भी तो उसे गरिमापूर्ण तरीके से करें. ताकि सुलह की गुंजाइश बची रहे.

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