SSY-PPF-SIP: क्या आप भी अपने बेटी के भविष्य के लिए चिंतित है तो आपको चिंता करने की बिल्कुल भी आवश्यकता नही है. क्योंकि, आप सभी अपनी बेटियों की पढ़ाई और उसकी शादी करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश कर सकते है, तथा इन योजनाओं में निवेश करके आप अपनी बेटी के भविष्य के वित्तीय खर्चों को लेकर निश्चिंत हो सकते हैं.
बता दें कि, हर माता-पिता अपने बेटियों की पढ़ाई और उसकी शादी के लिए लंबी अवधि हेतु पैसा जमा करना चाहते है. ऐसे में भारतीय बाजार में कई निवेश योजनाएं मौजूद हैं, जहां पर आप लंबी अवधि के लिए बालिकाओं के लिए पैसा सकते हैं. इसलिए आज हम आप सभी को सुकन्या समृद्धि योजना, म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड के बारे में विस्तार से बतायेंगे.
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सुकन्या समृद्धि योजना क्या है?
यदि आप Sukanya Samriddhi Yojana को जानना चाहते है तो हम आपको बता दें कि, मोदी सरकार द्वारा संचालित की गई सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए सबसे फायदेमंद योजना है. बता दें कि, इस योजना ( Sarkari Yojana) की शुरुआत केंद्र सरकार (Central Government) 1 अक्टूबर 2018 को हुई थी.
यह योजना न पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) से अधिक की ब्याज देती है, साथ ही साथ यह माता-पिता की टैक्स प्लानिंग में भी सहायता प्रदान करती है. इस योजना में आप अपनी 10 साल तक की बेटियों को सुकन्या समृद्धि योजना खाता खुलवा सकते हैं. वर्तमान में इस पर 8.2 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है. वही, दूसरी ओर पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर वर्तमान में 7.1 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है.
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सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज दर
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana 2024) देश की प्रत्येक बेटियों के लिए एक कर-मुक्त लघु बचत योजना है. जिसमें 10 वर्ष या उससे कम उम्र की बेटी के माता-पिता लड़की के नाम पर SSY खाता खोल सकते हैं. बता दें कि, यह स्कीम (Govt. Scheme) अप्रैल-जून तिमाही के लिए 8.2 फीसदी ब्याज दे रही है. SSY का फायेदा उठाने के लिए खाता खोलने की तारीख से 15 वर्ष तक पैसा जमा करना का होता है. यह खाता खोलने की तारीख से 21 साल बाद या बेटी की शादी के वक्त (18 वर्ष की आयु में) परिपक्व होगा.
कहां खोले सुकन्या समृद्धि योजना का खाता
ऐसे में अगर आप सुकन्या समृद्धि योजना का खाता खुलवाने को लेकर कन्फ्यूजन है तो आपको बता दें कि, आप किसी भी डाकघर या बैंकों की अधिकृत शाखा में SSY खाता खुलवा सकते हैं. देश में जो भी बैंक पीपीएफ खाता खोलने की सुविधा देते हैं, वहां आप सुकन्या समृद्धि योजना का खाता खुलवा सकते हैं.
कैसे की जाती है सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज की गणना ?
आपको बता दें कि, सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) की ब्याज दर पूरी अवधि के लिए तय नहीं है. क्योंकि केंद्र सरकार (Centre Government) हर तिमाही छोटी बचत योजनाओं की दरों में चेंजेज करती है. अतः SSY की ब्याज दरें हर तिमाही केंद्र सरकार द्वारा ऐलान दरों के अनुसार बदलती रहती है.
ऐसे में यदि सरकार ब्याज दर बढ़ाती है तो उस तिमाही के लिए बढ़ी हुई दर खाते में दी जाती है. वही, इसके विपरीत यदि सरकार ब्याज दर कम करती है तो खाते को उस विशेष तिमाही के लिए कम दर दी जाती है. सरकार बदलते आर्थिक परिदृश्य और अपने आर्थिक उद्देश्यों के अनुरूप हर तिमाही दरों में बदलाव सुनिश्चित करती है.
अधिकतम लाभ कैसे प्राप्त करें
SSY में किया गया निवेश धारा 80सी के अंतर्गत कर कटौती के लिए पात्र है. लेकिन, किसी ने पुराना टैक्स सिस्टम का चयन किया हो तब. जमा करने पर अर्जित ब्याज भी पूरी तरह से कर-मुक्त है, जो इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प दर्शाता है. इसके अलावा भी मैच्योरिटी पर प्राप्त होने वाली रकम भी टैक्स फ्री होती है.
वही, SSU में अर्जित ब्याज को अधिकतम करने के लिए, विशेषज्ञ प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में अधिकतम अनुमत राशि 1.5 लाख रुपये जमा करने की सलाह देते हैं. ऐसा करने पर आपके द्वारा निवेश राशि पर पूरे साल चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ दिया जाता है। इससे कुल रिटर्न मासिक योगदान से अधिक होता है.
सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) में ब्याज दर:
हम आप सभी को बता दें कि, पीपीएफ पर ब्याज दर केंद्र सरकार (Central Govt.) तिमाही बेस पर निर्धारित करती है. ऐसे में 1 अप्रैल 2024 के मुताबिक अप्रैल-जून 2024 तिमाही के लिए पीपीएफ ब्याज दर 7.1% प्रति वर्ष सालाना चक्रवृद्धि होगा. वही, पीपीएफ खाते की अवधि 15 वर्ष तक निर्धारित होती है और खाते की लॉक-इन अवधि 15 साल तक है.
साथ ही साथ पीपीएफ खाते में प्रति वित्तीय वर्ष न्यूनतम 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक कर सकते हैं. ऐसे में यदि आप कुछ जोखिम उठा लें तो सबसे अच्छा ऑप्शन एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना है. क्योंकि, इक्विटी लंबी अवधि में सबसे अच्छा रिटर्न देते हैं और एसआईपी के माध्यम से निवेश करने से निवेश की लागत भी औसत हो जाती है.
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