UPSC Success Story : आज हम आप सभी को एक ऐसे शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं। जो राजस्थान के भरतपुर के अटल बंध क्षेत्र के कंकड़ वाली कुईया के रहने वाले गोविन्द पिछले 25 सालों से भजिया-पकौड़ी का ठेला लगाते आ रहे हैं। गोविन्द परिवार में कमाने वाले अकेले इंसान थे। और उनकी 5 संतानें हैं।
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गोविन्द के घर की आर्थिक स्थिति ठिक नहीं थी। और एक छोटे से मकान में 7 लोगों के परिवार को गुजारा करना होता था, पर गोविन्द ने बच्चों की पढ़ाई लिखाई से कभी कोई समझौता नहीं किया। और उन्हें अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का प्रयास किया।
गोविन्द के बच्चों ने भी अपने पिता की मेहनत को बेकार नहीं जाने दिया, बच्चे पढ़ाई में खूब मेहनत करते थे। सबसे बड़ी बेटी का नाम दीपेश कुमारी है। और दीपेश बचपन से ही पढ़ाई में तेज थी। 10th उन्होंने शिशु आदर्श विद्या मंदिर से की,
10th में उनके 98% अंक आए थे। वहीं 12th में उन्होंने 89% अंक थे। इसके बाद Civil Engineering उन्होंने जोधपुर के कॉलेज से की. फिर दीपेश एडमिशन IIT मुम्बई में हुआ, जहां से उन्होंने एमटेक किया।
दीपेश की Academic Record तो बेहतरीन थे, अगर वह चाहती तों लाखों की सैलरी वाली Job पा सकती थीं, पर उनका सपना Civil Services में जाने का था , इस लिए दीपेश ने UPSC Examination की तैयारी करनी शुरू कर दी। यहां भी उन्होंने अपनी काबिलियत से दूसरे ही प्रयास में UPSC Examination Clear कर ली। उन्होंने 2021 में UPSC Examination मे देशभर में 93वीं रैंक प्राप्त किया और IAS बनीं।
पिता चाहते तो बेटी के IAS बनने के बाद घर पर आराम कर सकते थे, पर उन्होंने अपना चाट-पकौड़ी का ठेला लगाना नहीं छोड़ा। वह आज भी उसी छोटे से मकान में ही रहते हैं। गोविन्द का मानना है कि, इंसान को पुराने दिन कभी नहीं भूलने चाहिए।
हम आप सभी को बता दे कि, सिर्फ दीपेश ही नहीं, गोविन्द के सभी बच्चे पढ़-लिखकर बेहद काबिल बन गए हैं। जहां दीपेश के 2 भाई MBBS कर रहे हैं, वहीं एक बेटी डॉक्टर है। जबकि एक बेटा अपने पिता के काम में हाथ बंटाता है।
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