Tenant Rights : अब मकान मालिक की नहीं चलेगी मनमानी, किराएदारों को केंन्द्र सरकार ने दिए 5 अधिकार : Sarkari Yojana


Tenant Rights : जब लोग अपना शहर छोड़ कर दूसरे शहर जब जाते हैं तो अक्सर लोग किराए के मकान में रहते हैं। यानी कि दूसरे के घर में रहने का निर्धारित किराया हर माह उन्हें देते हैं पर अक्सर दिखाया जाता है।

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कि, किराएदार और मकान मालिक के बीच हमेशा किसी न किसी बात पर लड़ाई झगड़े चलते रहते हैं। इसी समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने किराएदार को यह पांच अधिकार दिए हैं । अपने इस लेख के माध्यम से हम आप सभी को इन्हीं पांच अधिकारों के बारे में बताएंगे

केंद्र सरकार द्वारा किरदार को मिलने वाले अधिकार

किरायेदार और मकान मालिक के बीच रेंट से लेकर सुविधाओं तक किसी भी बात पर विवाद होता ही रहता है। इन्हीं विवादों के समाधान के लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने 2021 में नया किराये कानून को मंजूरी दी थी

इस कानून के अंतर्गत मकान मालिक और किरायेदार दोनों के अधिकार (Tenant Rights) तय किए गए हैं। पर भारत में ज्यादातर लोग अभी भी इस कानून से अनजान हैं।

मॉडल किरायेदारी अधिनियम

मॉडल किरायेदारी अधिनियम ( Model Tenancy Act) , का उद्देश्य 2021 घर-दुकान के किराये को विनियमित करने और मकान मालिकों और किरायेदारों के हितों की रक्षा करना और किराया प्राधिकरण (Rent Authority) की स्थापना करना है। इसके जरिए सरकार देश में एक समान Rental Market बनाने का मकसद रखती है

इस कानून के अंतर्गत संपत्ति मालिक और किरायेदार के बीच एक लिखित समझौता (Rent Agreement) अनिवार्य है। Rent Agreement के Registration के लिए हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश (Union Territory) में एक स्वतंत्र प्राधिकरण और यहां तक ​​कि किरायेदारी से संबंधित विवादों को लेने के लिए एक अलग अदालत की स्थापना की गई है।

नहीं तोड़ सकते हैं ये नियम

किसी भी संपत्ति (Property) को किराये पर लेने से पहले Security Deposit जमा कराना होता है, लेकिन किरायेदारी कानून में इसके कुछ तय नियम हैं

आवासीय परिसर (Housing Complex) के लिए किरायेदार को Security Deposit के तौर पर अधिकतम 2 महीने का किराया और गैर-आवासीय परिसर (Non-Residential Premises) के लिए अधिकतम 6 महीने तक का किराया देना जरूरी होता है। मकान मालिक इससे ज्यादा Security Deposit नहीं ले सकता है।

हम आप सभी को बता दे की, किरायेदार के मकान छोड़ने के 1 महीने के अंदर मकान मालिक को Security Deposit वापस देना होगा। वहीं, मकान मालिक द्वारा किराया बढ़ाने के लिए कम से कम 3 महीने पहले किरायेदार को Notice देना होगा किराये की Property की देखरेख मकान मालिक और किरायेदार, दोनों को करनी होगी।

जरूरत पड़ने पर घर की मरम्मत पुताई और रंगरोगन की पूरी जिम्मेदारी मकान मालिक की होगी, जबकि पानी के Connection को ठीक करवाना और बिजली Connection की मरम्मत आदि की जिम्‍मेदारी किरायेदार की होगी।

इस कानून के अंतर्गत, जब चाहे तब किरायेदार के घर मकान मालिक नहीं आ सकता है। मकान मालिक (Landlord) को आने से 24 घंटे पहले किरायेदार को इस बात की सूचित करनी होगी। वहीं, किसी भी तरह का विवाद होने पर मकान मालिक किरायेदार को बिजली-पानी की आपूर्ति को रद्द नहीं कर सकता है।

अगर मकान मालिक ने Rent Agreement में बताई गई सभी शर्तों को पूरा कर लिया है। इसके बाद भी किरायेदार, अवधि समाप्त होने के बाद परिसर खाली नहीं कर पाता है, तो मकान मालिक मासिक किराए को दोगुना करने का हकदार है और 2 महीने और उसे 4 गुना तक कर सकता है

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